टोक्यो । आने वाले भविष्य में धरती से ऑक्सीजन की मात्रा काफी कम हो जाएगी।इसके बाद पृथ्वी पर मौजूद कई जीव खत्म हो जाएंगे। ये खुलासा जापान और अमेरिका के वैज्ञानिकों ने किया है। धरती पर 100 करोड़ साल बाद ऑक्सीजन का स्तर काफी कम होगा।इसकारण जटिल एयरोबिक जीव और फोटोसिंथेटिक जीवों की जिंदगी पर संकट आ जाएगा। इनके खत्म होने की आशंका बहुत ज्यादा होगी। धरती के वायुमंडल में ऑक्सीजन का हिस्सा करीब 21 फीसदी है। इंसान जैसे जटिल संरचना वाले जीवों के लिए ऑक्सीजन की मौजूदगी अत्यधिक जरूरी है। लेकिन धरती की शुरूआत में ऑक्सीजन का स्तर काफी कम था। यही हाल भविष्य में 100 करोड़ साल बाद फिर होगा। 
वैज्ञानिकों के मुताबिक अगले 100 करोड़ साल तक धरती का ऑक्सीजन स्तर इसी तरह से बना रहेगा, जैसा अभी है। लेकिन इसके ठीक बाद ऑक्सीजन के स्तर में भयावह कमी होगी। वायुमंडल में ऑक्सीजन की मौजूदगी स्थायी उपलब्धि नहीं रहेगी। इसके पीछे बड़ा कारण है सूरज की उम्र का ढलना। जैसे-जैसे सूरज की उम्र ढलती जाएगी, वह और गर्म होता जाएगा। 
सूरज के ज्यादा गर्म होने का असर धरती पर मौजूद कार्बन डाईऑक्साइड पर पड़ेगा। सीओ2 कम होने लगेगा। इससे सूरज की गर्मी को सोखने की धरती की क्षमता में कमी होगी। इसके बाद धरती का वायुमंडल टूटने लगेगा। इसके बाद फोटोसिंथेसाइसिंग जीव जैसे पेड़-पौधे जीवित नहीं रह पाएंगे। पेड़-पौधे के खत्म होने से ऑक्सीजन के उत्पादन में कमी आएगी। इन फोटोसिंथेसाइसिंग जीव के खत्म होने से ऑक्सीजन में भारी कमी आएगी। ऑक्सीजन का स्तर वर्तमान समय से लाखों गुना नीचे गिर जाएगा। 
उस समय तक धरती के वायुमंडल में मीथेन गैस की मात्रा 10 हजार गुना ज्यादा बढ़ जाएगी। जैसे ही धरती के वायुमंडल में इस तरह का बदलाव शुरू होगा, ये बड़ी तेजी से होगी। 100 करोड़ साल के बाद अगले 10 हजार सालों में धरती से ऑक्सीजन का स्तर खत्म हो जाएगा। धरती का बायोस्फेयर अचानक हो रहे इस पर्यावरणीय बदलाव को बर्दाश्त नहीं कर पाएगा। इसके बाद धरती पर सिर्फ सूक्ष्म जीव ही जीवित रह पाएंगे। इस समय जो एनएरोबिक और प्राचीन बैक्टीरिया छिपे हुए हैं वो धरती पर राज करना शुरु कर देने वाले है। जमीन और समुद्र से जटिल जीवों का खात्मा शुरू हो जाएगा। धरती का ओजोन लेयर जो ऑक्सीजन से बना है, वहां खत्म हो जाएगा।