शिवपुरी । कोलारस थाना क्षेत्र के ग्राम खैराई में एक नशेड़ी पति ने शुक्रवार की देर शाम अपनी पत्नी को लाठियों से पीट-पीट कर मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद वह उसकी लाश को गोबर के ढेर में छिपा कर फरार हो गया। महिला को उसके स्वजन उपचार के लिए कोलारस स्वास्थ्य केंद्र लेकर आए, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने प्रकरण कायम कर मामले की विवेचना शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार ग्राम खैराई निवासी घन सुंदर धाकड़ नशे का आदी है। इसी के चलते वह गांजा और शराब पीकर आए दिन अपने स्वजन के साथ मारपीट करता था। इसी क्रम में शुक्रवार की देर शाम उसने गांजा और शराब का नशा किया और घर पर आकर अकारण ही पत्नी रूपवती के साथ लाठी से मारपीट शुरू कर दी। जब रूपवती की बेटी ने मां को पिटता हुआ देखा तो वह अपनी मां के ऊपर लेट गई, लेकिन नशे में धुत्त घनसुंदर इसके बावजूद भी लाठियां बरसाता रहा जिससे उसकी बेटी भी घायल हो गई।
जब रूपवती की मौके पर ही मौत हो गई तो घनसुंदर ने रूपवती की लाश को घर के बाहर मोहल्ले में पड़े घूरे पर फेंक दिया और इसके बाद उसके ऊपर गोबर पटक कर लाश को गोबर के ढेर में छिपाकर फरार हो गया, ताकि किसी को कुछ पता न लग सके। हालांकि घनसुंदर को ऐसा करते हुए गांव के कुछ लोगों ने देख लिया और तत्काल घनसुंदर के पिता इमरत धाकड़ को मामले की सूचना दी। इसके बाद मृतक का पिता और पुत्र घर पहुंचे और गोबर के ढेर में से रूपवती की लाश को बाहर निकाल कर उसे उपचार के लिए कोलारस लेकर आए जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
सोयाबीन बेचने कोलारस आए थे पिता और पुत्र
आरोपित घनसुंदर ने जिस समय अपनी पत्नी के इस जघन्य हत्याकांड को अंजाम दिया उस समय घर पर वह और उसकी बेटी अकेली थी। आरोपित के पिता इमरत धाकड़ के अनुसार पिछली साल घनसुंदर की बड़ी बेटी की शादी की थी। शादी के समय कई लोगों से पैसा उधार लिया था, अब वह लोग पैसों की मांग कर रहे हैं। यही कारण है कि वह शुक्रवार को सोयाबीन लेकर बेचने के लिए कोलारस आया था ताकि पैसे आने पर कर्जा चुका सकें। इसी दौरान घनसुंदर ने इस घटना को अंजाम दे दिया।
पिता से पैसों के लिए झगड़ा तो पुलिस ने दिलाए थे पांच हजार
इमरत का कहना है कि जब घनसुंदर को इस बात का पता चला कि घर में रखा सोयाबीन बिक रहा है तो वह पिता से पैसों के लिए झगड़ा करने लगा, ताकि उसे नशा करने के लिए पैसा मिल सके। बकौल इमरत विवाद पुलिस तक पहुंच गया तो पुलिस ने ही उसे समझाते हुए बेटे को शांत करने के लिए उसे इमरत से पांच हजार रुपये दिलवाए थे। उन्हीं पैसों से उसने नशा किया और इसके बाद घर पहुंच कर सारा गुस्सा पत्नी पर निकालते हुए उसे मौत के घाट उतार दिया।