रायपुर । छत्तीसगढ़ में होने जा रहे विधानसभा चुनाव 2023 की सभाओं में सांसद लोकसभा का माहौल बनाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। प्रदेश में 11 लोकसभा सीटों में भाजपा के नौ और कांग्रेस से दो सांसद हैं। भाजपा के सांसदों में से केंद्रीय राज्य मंत्री समेत चार सांसदों को तो विधानसभा के चुनावी मैदान में उतार दिया गया है। ये सांसद चुनावी सभा में अभी से लोकसभा के दृष्टिकोण से पार्टी का चुनाव प्रचार कर रहे हैं। वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नौ साल की योजनाओं व उपलब्धियों का बखान कर रहे हैं। जिन्हें विधानसभा में टिकट नहीं मिली है वह भी चुनावी मैदान में सक्रिय हैं। सभी सांसद पूर्व की यूपीए सरकार और वर्तमान में भाजपा के खिलाफ गठित विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए (इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इंक्लूसिव अलायंस) के खिलाफ भी हमलावर हैं। पिछले दिनों रायगढ़, बिलासपुर और जगदलपुर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विधानसभा चुनाव के साथ-साथ लोकसभा चुनाव का भी जिक्र किया था।
विधानसभा चुनाव में स्थानीय सांसदों ने संभाला मोर्चा
इसके पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी 2024 में मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने की अपील कर चुके हैं। इसके बाद से स्थानीय सांसदों ने मोर्चा संभाल लिया है। हालांकि भाजपा के पांच सांसदों में जांजगीर-चांपा के गुहाराम अजगल्ले, महासमुंद के चुन्नीलाल साहू, रायपुर के सुनील कुमार सोनी, राजनांदगांव के संतोष पांडेय और कांकेर के मोहन मंडावी को विधानसभा की टिकट नहीं मिली है फिर भी यह चुनावी मैदान में सक्रिय हैं। राजनीतिक प्रेक्षकों की मानें इससे उनकी टिकट भी आने वाले समय में सुरक्षित होने की उम्मीद है।
विधानसभा में इन नेताओं की मेहनत रंग लाई तो उन्हें लोकसभा में दोबारा टिकट पाने में आसानी होगी, क्योंकि भाजपा परफार्मेंस के आधार पर ही टिकट तय करती है। साथ ही लाेकसभा चुनाव भी आसान हो जाएगा। मिशन 2024 से पहले विधानसभा चुनाव 2023 पार्टियों के लिए चुनावी सेमिफाइनल के रूप में देखा जा रहा है।
छत्तीसगढ़ के ये चार सांसद चुनावी मैदान में
भाजपा ने प्रदेश में केंद्रीय मंत्री समेत चार सांसदों को चुनावी मैदान में उतारा है। इनमें केंद्रीय राज्य मंत्री व सरगुजा सांसद रेणुका सिंह भरतपुर-सोनहत सीट से, रायगढ़ सांसद गोमती साय को पत्थलगांव विधानसभा सीट, बिलासपुर सांसद व भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव लोरमी और दुर्ग सांसद विजय बघेल को पाटन विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशी घोषित किया जा चुका है।
ये सभी नेता प्रदेश में मोदी माडल को चुनावी अस्त्र बनाकर उतर चुके हैं। वह अपनी रैलियों और सभाओं में प्रधानमंत्री मोदी ने महिलाओं को आरक्षण देने, किसानों के खाते में सीधे राशि भेजने, उज्ज्वला गैस योजना के माध्यम से महिलाओं की जिंदगी धुआंमुक्त बनाने, आयुष्मान भारत योजना से निश्शुल्क इलाज जैसी अन्य गारंटी माडल की सफलताओं का उल्लेख करते हुए इन्हें भाजपा की ताकत के रूप में पेश कर रहे हैं।
कांग्रेस के दोनों सांसदों ने संभाला मोर्चा
कोरबा की कांग्रेस सांसद ज्योत्सना महंत और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष व बस्तर सांसद लगातार कांग्रेस के संकल्प शिविर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नौ वर्ष की सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखे हैं। संकेत मिले हैं कि पार्टी बैज को भी विधानसभा चुनाव लड़ा सकती है।
रायपुर सांसद सुनील सोनी ने कहा, हम सभी सभी लोकसभा के विधानसभा में दौरा शुरू कर चुके हैं। यहां के चुनाव संचालन समिति के साथ रणनीति बना रहे हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना, जल जीवन मिशन योजना को भूपेश सरकार ने लागू नहीं किया। राज्य सरकार का घोटाला करके जो छला है, हमारी सरकार बनेगी तो हम इन योजना के साथ आगे बढ़ेंगे। प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष व सांसद बस्तर दीपक बैज ने कहा, कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा क्षेत्र में पर्यवेक्षक भी नियुक्त किया है। जहां सुरक्षित सीटे हैं वहां पर लीडरशिप डेवलपमेंट मिशन चलाया जा रहा है। हम विधानसभा चुनाव तो जीतेंगे ही साथ ही हमने लोकसभा चुनाव 2023 में भी फोकस कर दिया है।
लोकसभा की पिछले चुनाव में सीट
चुनाव वर्ष कांग्रेस भाजपा
2004 01 10
2009 01 10
2014 01 10
2019 02 11