
नई दिल्ली । पिछले साल अप्रैल-मई में जब कोरोना के मामले बढ़ रहे थे तो मसालों की बिक्री खूब बढ़ी थी। लोगों ने इम्यूनिटी बूस्टर के तौर पर मसालों की जमकर खरीदारी और सेवन किया। अब मसालों की बिक्री अचानक गिर गई है। कारोबारियों का कहना है कि मौजूदा समय में सामान्य से 20 फीसदी बिक्री भी नहीं बची है। ट्रेडर्स को लगता है कि वित्तीय स्थिति खराब होने की वजह से कारोबार में कमी आई है। जिन कारोबारियों को उधार में माल दिया है, वह भी पैसा नहीं लौटा पा रहा है। खारी बावली के होल सेल मार्केट में इस समय बड़े ऑर्डर नहीं हो रहे हैं। बाहर के व्यापारी भी दिल्ली से आधा माल ही खरीद रहे हैं। इंटरनेट के जमाने में दूसरे शहरों के बिजनेसमैन सीधा कंपनियों से माल बुक कर रहे हैं। थोक बाजारों में तो उधार खरीदारी के लिए ट्रेडर्स आते हैं। जीएसटी के मौजूदा प्रावधानों से भी व्यापारी परेशान हैं, क्योंकि इसमें ईमानदार कारोबारियों को ही प्रताड़ित किया जाता है। खारी बावली सर्व व्यापार मंडल के चेयरमैन राजीव बत्रा का कहना है कि अब लोग उतने ही मसाले खरीद रहे हैं, जितनी जरूरत है। कोरोना संक्रमण जब तेजी से फैल रहा था, उस दौर में लोग खाने-पीने का सामान इकट्ठा कर रहे थे। अब वैक्सीन भी आ गई है। लोगों में भी भय कम हो गया है। इस वजह से मांग घटी है। वैसे भी बाजार में हर आइटम की मांग कम हुई है। जिन लोगों ने कर्मचारियो को काम पर रखा है, वे सैलरी नहीं दे पा रहे हैं। आय का स्त्रोत कम हो गया है, खर्चे बढ़ रहे हैं। इसका असर बाजार में दिख रहा है। व्यापारियों को लगता है कि जब कोरोना खत्म होगा, तभी कारोबार पहले की तरह चरम पर पहुंचेगा।