इंचियोन : विश्व चैम्पियनशिप में भारतीय निशानेबाजों के खराब प्रदर्शन के बावजूद यहां शनिवार से शुरू हो रही एशियाई खेलों की निशानेबाजी स्पर्धा में उनसे पदकों की उम्मीदें रहेंगी। ओंगनियोन अंतरराष्ट्रीय रेंज पर 30 सितंबर तक होने वाली निशानेबाजी स्पर्धा में 34 देश व्यक्तिगत और टीम स्पर्धाओं में 44 पदकों की दौड़ में हैं। इन खेलों का पहला स्वर्ण निशानेबाजी रेंज से ही आएगा।
शुरूआत महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल और पुरूषों की 50 मीटर पिस्टल स्पर्धा से होगी जिसमें कल चार खिताब तय होंगे। भारत ने ग्वांग्झू में 2010 एशियाई खेलों में पुरूषों की डबल ट्रैप स्पर्धा में स्वर्ण (रंजन सोढी), तीन रजत और चार कांस्य जीते थे। इस बार हालांकि निशानेबाजों के मौजूदा खराब फार्म को देखते हुए इसकी बराबरी करना या इससे बेहतर कर पाना हैरानी की बात होगी।
सोढी इस बार एशियाड के लिये क्वालीफाई नहीं कर पाये जिससे भारत की उम्मीदों का दारोमदार 10 मीटर एयर पिस्टल में दुनिया के नंबर एक निशानेबाज जीतू राय पर होगा जिसने ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों में 50 मीटर एयर पिस्टल में स्वर्ण जीता। इन खेलों में राय भारत की सबसे बड़ी पदक उम्मीद हैं। वह कल 50 मीटर फ्री पिस्टल में स्वर्ण पर निशाना साधना चाहेंगे चूंकि इसी वर्ग में ग्रेनाडा में विश्व चैम्पियनशिप में रजत जीतकर उन्होंने 2016 रियो ओलंपिक का टिकट कटाया है। ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता बिंद्रा और दिग्गज राइफल निशानेबाज गगन नारंग से भी पदक की उम्मीद होगी। राय को दुनिया के नंबर छह निशानेबाज और गत चैम्पियन चीन के पू किफेंग और दक्षिण कोरिया के दोहरे ओलंपिक चैम्पियन जिन जोंग ओह से कड़ी चुनौती मिलेगी जिसने विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था। ओम प्रकाश और ओंकार सिंह और बिंद्रा टीम चैम्पियनशिप पदक जीतने की कोशिश करेंगे। ग्लास्गो में स्वर्ण जीतने के बाद बिंद्रा के सामने शीर्ष दस में शामिल तीन चीनी निशानेबाजों के रूप में कड़ी चुनौती है।
एशियन गेम्स 2014: निशानेबाजी में भारतीय चुनौती की अगुवाई करेंगे बिंद्रा
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