
इंदौर । जैसा की हम सब जानते है कि हमारे देश को कोरोना की महामारी ने किस प्रकार से लोगो को जीना सीखा दिया। कोविड़ -19 जब भारत में आया सभी लोगो के अन्दर एक डर जो कि कभी किसी ने नही सोचा था कि इस प्रकार से ये बिमारी महामारी का कारण बन जायेगी। लोग खुद को सुरक्षित रखने अपने परिवार को कैसे इस बिमारी से बचाया जाये सब डॉक्टर्स की परामर्श में लग गये और इस बिमारी का एक ही उपचार सामाने आया मास्क व सेनेटाइजर, क्योकि ये बिमारी लोगो के पास-पास रहने हाथो से नाक, मुंह को छुने से होने वाली थी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भारत में बढ़ते हुये कोविड़-19 को देखते हुये लॉकडाउन की घोषणा हुयी जिससे जितना लोग कम बाहर आयेंगे वायरस फैलने के लक्षण कम नजर आयेंगे। वही बात की जायें हिण्डालको महान परियोजना जिन्होने कोविड़-19 के समय जब लॉकडाउन होने का निर्णय लिया गया उस समय किस तरह से परियोजना को चलाये जिससे प्लांट में कार्य चलता रहे और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी होता रहे। यह परियोजना के लिये काफी चुनौतियो से भरा था लेकिन सभी के अच्छे निर्णय के उपरान्त परियोजना को सूचारु रुप से एवं पूरे नियम के अनुसार चलाया गया। परियोजना में चलने वाली बसो में भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया, बसे आने के बाद तुरन्त सेनेटाइज करायी जाती। सभी आने-जाने वाली बसो में मास्क न पहनने वाले लोगो को आगाह किया जाता कि जरुरी है मास्क पहनना हर जगह सेनेटाइजर सुरक्षा हेतु, कार्यस्थल पर लोगो को अल्टरनेट आने को कहा गया वहां पर भी पूर्ण रुप से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया। हिण्डालको महान द्वारा आते-जाते राहगिरो को भोजन की व्यवस्था भी करायी गयी। कोरोनाकाल में आने-जाने लोगो को कोरेनटाइन कराना उनकी सुरक्षा का ध्यान रखना जिससे वो भी सुरक्षित और हम भी साथ ही उनके कोरेनटाइन होने एवं कारेनटाइन खत्म होने का रिर्काड भी रखा गया है। महान द्वारा कोरेनटाइन सेन्टर खोला गया जिसमें डाक्टर्स व नर्स के साथ-साथ उनके खाने-पीने की अच्छी सुविधा दी गयी, जिससे आने-जाने वाले लोग परियोजना में आने से पहले कोरेनटाइन सेन्टर डगा जाये। इस प्रकार से ये प्रक्रिया चलती रही, अब हालात में काफी सुधार है, कोरोना पहले से काफी कम हो चुका है ये सब कुछ कोविड-19 पर किये गये सुरक्षा के कारण ही सम्भव हो पाया है।
कोरोना के खिलाफ जंग में हिण्डालको महानः-
हिण्डालको महान अपने निगमित सामाजिक दायित्व के तहत अपनी नैतिक जिम्मेदारी समझते हुये औद्यौगिक परिसर के साथ-साथ आस-पास के क्षेत्रो में कोरोना वायरस से बचाव के उपाय व जरुरी सावधानी बरतने के लिये जागरुकता कार्यक्रम व अन्य संसाधनो के माध्यम से कोरोना के खिलाफ अपनी जंग शुरु कर दी है। वही क्षेत्र में सेनेटाइजर व हैण्डवाश जैसी चीजो की अनुप्लब्धता के कारण लोगो की परेशानी को समझते हुये बैनाकुण्ठ स्वःसहायता समूह के साथ हैण्डवाश का निर्माण कर लोगो तक निशुल्क हैण्डवाश का वितरण किया गया।
कोरोनाकाल में हिण्डालको महान के आस-पास के क्षेत्रो में कोरोना राहत साम्रगी का वितरण कर कोरोना को रोकने में सफल हुये थे। अब सीएसआर टीम द्वारा आस-पास के 17 गांवो में कोरोना के खतरे से बचाव व जागरुकता को और तेजी से अभियान चलाकर शुरुआत की जा रही है, जिसमें हिण्डालको महान की सी0एस0आर0 टीम व गाँवो में कार्यरत वालेन्टीयर के द्वारा गांवो में जागरुकता, साथ ही आरोग्य सेतु एप्प डाउनलोड करो और फ्री मास्क पाओ अभियान की शुरुआत की गयी।
कोरोना काल में 200 गर्भवती महिलाओ को दिया गया पौष्टिक आहारः-
महिलाओ हेतु पौष्टिक आहार के रुप में गुड़, चना, चावल, दाल, हारलिक्स, सुरक्षा उपकरण मास्क व साबून आदि निम्न सामग्री का वितरण कर उन्हे अपने स्वास्थ्य के साथ-साथ अपने बच्चे के स्वास्थ्य पर भी ध्यान देने की बात कही। साथ ही उन्होने यह भी बताया की इस पौष्टिक आहार के सेवन से बच्चे स्वस्थ्य व कुपोषण रहित होंगे साथ ही यह मास्क व साबून आपके लिये कोरोना काल में सुरक्षा उपकरण का कार्य करेगा।
एस0एस0जी0 के द्वारा मास्क का निर्माण कराया गयाः-
कोरोनाकाल में महान द्वारा संचालित एस0एस0जी0 का भी पूर्ण रुप से ध्यान दिया गया उनके माध्यम से 2 लाख मास्क का निर्माण कराया गया जो परियोजना के साथ-साथ गांव व सभी जरुरतमन्दो को मास्क बांटा गया। समूह में कार्य करने वाली शीला बताती है कि यह कोरोना काल में समूह में कार्य करने वाली महिलाओ को लॉकडाउन में भी कार्य की उपलब्धता ने हमारे रोजी-रोटी के संकट से उबार दिया है। और कुछ पैसे की ज्यादा बचत से हमें आने वाले समय के पैसे बचा पा रहे है। जो बुरे वक्त में हमारे काम आ सकेंगें। साथ ही समूह की महिलाये हिण्डालको महान के सी0एस0आर0 विभाग के प्रति आभार व्यक्त किया जिन्होने संकट के समय में उनको काम देकर उन्हे स्वावलम्बी बनाने की भूमिका निभायी।
कोविड़-19 को खत्म करने के लिये बहुत प्रयास के उपरान्त कोविड़- वैक्सिीन बनायी गयी और सबसे गर्व की बात यह है कि वैक्सिीन का निर्माण अपने भारत में हुआ जिसको ट्रांसर्पोट के माध्यम से सभी देषो में पहुंचाया जा रहा है। अभी तक बहुत से लोग वैक्सीनेषन करा चुके है। परन्तु वैक्सीनेषन के बाद भी मास्क व सेनेटाइजर का प्रयोग करते रहना जरुरी है।