इन्दौर । हिंदू संस्कृति में दो तिथि, दो पर्व, दो उत्सव आदि भ्रांतियों को लेकर श्री परशुराम महासभा के तत्वावधान में राजेंद्र नगर स्थित टंकी हाॅल सभागृह पर आयोजित बैठक में शहर के संतों एवं विद्वानों ने इंदौर के अक्षांश पर आधारित पंचांग एवं कैलेंडर प्रकाशित करने का निर्णय लिया है। यह पंचांग और कैलेंडर परशुराम पंचांग के नाम से नव संवत्सर 2078 की गुडी पढ़वा से लागू होेगा।
बैठक में महामंडलेश्वर स्वामी लक्ष्मणदास महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी रामगोपालदास महाराज एवं स्वामी जानकी वल्लभदास महाराज के सान्निध्य में डाॅ. के.के. पांडे, डाॅ. विनायक पांडे, उज्जैन के पं. अनिल मिश्रा, पं. शिवशंकर शास्त्री, सोनकच्छ पं. गोवर्धनलाल शर्मा, ज्योतिषाचार्य पं. प्रभाशंकर शर्मा, भागवताचार्य पं. राजेश शास्त्री, पं. विजेंद्र त्रिवेदी, पं. राजेंद्र मिश्र, पं. गणेश शास्त्री, ज्योतिषी अभिलाषा शर्मा सहित अनेक विद्वानों ने पंचांग और कैलेंडर में दो-दो तिथियों के बारे में अपने विचार एवं सुझाव प्रस्तुत किए। बैठक में सर्वानुमति से निर्णय लिया गया कि नववर्ष 2078 विक्रम संवत की गुडी पढवा पर परशुराम पंचांग का प्रकाशन किया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी पं. विजय अड़ीचवाल, परशुराम महासभा के प्रदेश प्रभारी पं. संजय मिश्रा एवं पं. शैलेंद्र जोशी को सौंपी गई है। डाॅ. कौशल किशोर पांडे एवं डाॅ. विनायक पांडे के निर्देशन में इसका प्रकाशन होगा।
प्रारंभ में परशुराम महासभा के अध्यक्ष पं. वीरेंद्र शर्मा, प्रभारी संजय मिश्रा, पं. कैलाश पाराशर आदि ने संतों और अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर डाॅ. योंगेंद्र महंत एवं पं. रामप्रकाश शर्मा भी अतिथि के रूप में उपस्थित थे। पं. डी.जी. मिश्रा, पं. संजय दुबे, पं. रवींद्र तिवारी, मातृ शक्ति की ओर से श्रीमती पूनम मिश्रा, श्रीमती प्रवीणा अग्निहोत्री, डिम्पल शर्मा, पायल शर्मा, सोनू शर्मा आदि भी उपस्थित थे। संचालन पं. विजय नारायण अडीचवाल ने किया और अंत में आभार माना महामंत्री पं. गोविंद शर्मा ने। इस अवसर पर प्रस्तावित पंचांग एवं कैलेंडर की डमी का प्रदर्शन भी किया गया।
हिंदू कैलेंडर में दो तिथियों, दो पर्वों एवं दो उत्सवों को लेकर व्याप्त भ्रम को दूर करने हेतु नया क
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