नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच आज दिल्ली में आधिकारिक स्तर की बातचीत होगी। दोनों की मुलाकात आज सुबह 11 बजे तय है। दोनों के बीच भारत-चीन सीमा विवाद सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार विमर्श होने की उम्मीद है। दोनों देशों के बीच कई समझौते भी हो सकते हैं। जिनपिंग का भारत में आज दूसरा दिन है।
चीनी अधिकारियों का कहना है कि चीन भारतीय रेल के आधुनिकीकरण, औद्योगिक पार्कों की स्थापना और आधारभूत ढांचे से संबंधित बड़ी परियोजनाओं में 100 अरब डॉलर से 300 अरब डालर के बीच निवेश की प्रतिबद्धता जता सकता है। चीन का विदेशी मुद्रा भंडार संसार में सबसे ज्यादा है और यह मार्च में 3,950 अरब डॉलर की रिकॉर्ड उंचाई तक पहुंच गया था। चीन की योजना अगले पांच साल में विदेशों में 500 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश करने की है और उम्मीद है कि इसमें एक बड़ा हिस्सा भारत में निवेश किया जा सकता है।
इससे पहले बुधवार को अहमदाबाद के होटल हयात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मौजूदगी में भारत और चीन के बीच तीन समझौते हुए। चीन के ग्वांग्डोंग प्रांत और गुजरात में समझौता, गुजरात में इंडस्ट्रियल पार्क बनाने का समझौता, ग्वांगझाओ और अहमदबाद के बीच ट्रेनिंग का समझौता, चीन डवलपमेंट बैंक और GIDC के बीच करार हुआ। ये तीनों समझौते गुजरात के लिए हुए।
राष्ट्रपति पद का कार्यभार संभालने के एक वर्ष बाद चीनी नेता ने अपनी पहली भारत यात्रा की शुरुआत अहमदाबाद से की। अहमदाबाद में कारोबारी कामकाज पूरा करने के बाद शी, मोदी के साथ साबरमती नदी के तट पर ढलते सूरज के बीच नयनाभिराम साबरमती रिवरफ्रंट पर शाकाहारी गुजराती भोजन का लुत्फ उठाया। मोदी ने शी की इस यात्रा को अलग रूप प्रदान करने का प्रयास किया और शहर में आने पर शी और उनकी पत्नी के लिए बेहतरीन मेजबान की भूमिका निभाई। इस दौरान भारत और चीन ने गुजरात से संबंधित तीन विशिष्ट समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
शी एक प्रतिनिधिमंडल के साथ एयर चाइना के एक विशेष विमान से यहां हवाई अड्डा पहुंचे। शी यहां हयात होटल आए जहां मोदी ने उनकी अगवानी की और इसके बाद दोनों के बीच संक्षिप्त चर्चा हुई। शहर में शी और उनकी पत्नी का शानदार स्वागत किया गया। उनके स्वागत में यहां विभिन्न स्थानों पर बड़े-बड़े बोर्ड लगाए गए थे जो चीनी, गुजराती और अंग्रेजी भाषा में थे।
समारोह के दौरान मोदी तथा शी के अलावा मुख्यमंत्री आनंदी पटेल और उनके कैबिनेट सहयोगी, चीनी प्रतिनिधिमंडल के सदस्य तथा गुजरात के कई प्रमुख उद्योगपति भी मौजूद थे। मोदी के साथ चीन के राष्ट्रपति अहमदाबाद के आश्रम रोड पर स्थित साबरमती आश्रम भी गए और चीनी नेता को इसके ऐतिहासिक महत्व से अवगत कराया। यह महात्मा गांधी का आश्रम था। शी ने चरखा भी चलाया।
इसके बाद दोनों साबरमती रिवरफ्रंट गए जहां भारत यात्रा पर आए गणमान्य लोगों का गुजराती परंपराओं और संस्कृति के साथ स्वागत किया गया। इस मौके पर प्रसिद्ध गरबा नृत्य भी आयोजित किया गया। अहमदाबाद आने पर भारत और चीनी पक्ष के बीच कुछ समझौतों पर भी हस्ताक्षर किये गए। इसमें औद्योगिक पार्कों की स्थापना के लिए समझौते पर चाइना डेवलपमेंट बैंक और गुजरात सरकार के इंडस्ट्रियल एक्सटेंशन ब्यूरो ने हस्ताक्षर किए। इसमें द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने तथा राज्य में औद्योगिक पार्कों की स्थापना, विशेष रूप से इलेक्ट्रोनिक और इलेक्ट्रिक उत्पादों के लिए परिकल्पना की गयी है। अधिकारियों ने कहा कि इन तीन एमओयू से गुजरात और चीन के बीच सेवाओं और विचारों का आदान प्रदान सुगम हो सकेगा।
शी की यात्रा लद्दाख के देमचाक इलाके में नए गतिरोध के बीच ऐसे समय हो रही है जब खबर है कि चीनी खानाबदोशों ने वहां चीनी सैनिकों की मदद से भारतीय क्षेत्र के अंदर सिंचाई नहर के लिए जारी कार्य के खिलाफ विरोध में तंबू खड़े कर लिए। मोदी और शी की संक्षिप्त बैठक हुयी। 60 वर्षीय शी के साथ स्टेट कौंसिलर यांग जीची, विदेश मंत्री वांग यी, वाणिज्य मंत्री गावो हुचेंग के अलावा कई उद्योगपति और अन्य नेता भी आए हैं। शी की यात्रा के पहले भारत ने कहा कि उसे उम्मीद है कि इस यात्रा से दोनों देशों के हितों और चिंताओं का हल होगा। शी भारत की यात्रा पर आने वाले तीसरे चीनी राष्ट्रपति हैं। इसके पहले 2006 में हू जिन्ताओ और 1996 में जियांग जेमिन भारत की यात्रा पर आए थे। मोदी ने कहा कि दोनों देशों के संबंध सामान्य अंकगणित से आगे जाना चाहिए और उन्हें विश्वास है है कि दोनों पड़ोसी सहयोग को बढ़ाकर इतिहास रचेंगे। उन्होंने कहा कि भारत और चीन के बीच अद्भुत तालमेल है और यह पूरी मानवता के लिए उज्जवल भविष्य सृजित करने के साथ महत्वपूर्ण घटनाक्रम बन सकता है।