नई दिल्ली । कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने केंद्र सरकार की ओर आर्थिक सर्वेक्षण पेश किए जाने के बाद आरोप लगाया कि इसका मकसद स्पष्ट नहीं है। पूर्व वित्त मंत्री ने सरकार पर कटाक्ष करते हुए ट्वीट किया ‎कि सरकार ने यह सबसे अच्छा निर्णय लिया कि आर्थिक समीक्षा की छपाई नहीं करने का फैसला किया। जबकि आर्थिक समीक्षा लोगों को अर्थव्यवस्था की स्थिति और आने वाले साल के पहलुओं के बारे में साधारण भाषा में समझाने का एक माध्यम है। उन्होंने कहा ‎कि ऐसा लगता है कि अब आर्थिक समीक्षा का मकसद दूसरा हो गया है। हालांकि यह मकसद स्पष्ट नहीं हैं। गौरतलब है कि आम बजट से पहले संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक भारत की आर्थिक वृद्धि दर अगले वित्त वर्ष में 11 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी और कोविड-19 महामारी के चलते आर्थिक संकुचन के बाद वी आकार का सुधार देखने को मिलेगा। इसके साथ ही, 31 मार्च 2021 को समाप्त हो रहे चालू वित्त वर्ष के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में रिकॉर्ड 7.7 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान जताया गया है।