अयोध्या । भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए हुई बैठक के दूसरे दिन मंदिर की नींव पर फैसला ले लिया गया। बैठक में राम मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्रा, ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय और सदस्यों ने नींव की डिजाइन पर अंतिम मुहर लगा दी है। अभी डिजाइन मुंबई के एक लैब में बन रहा है और फरवरी में प्रिंट होकर अयोध्या पहुंचेगा। हालांकि 40 फीट खोदकर मलबा हटाने का काम शुरू कर दिया गया है। नृपेंद्र मिश्र गुरुवार को ही देव शिल्पी विश्वकर्मा की पूजा कर मलबा हटाने का काम शुरू करवा दिया था। अयोध्या के सर्किट हाउस में राम मंदिर निर्माण समिति की दूसरे दिन की बैठक अब संपन्न हो गई है।
टाटा व एलएनटी के इंजीनियरों द्वारा राम मंदिर के नींव की डिजाइन का प्रेजेंटेशन मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र समेत ट्रस्ट के पदाधिकारियों सदस्यों के सामने दिया गया जिस पर नींव की डिजाइन को लेकर सहमति बन गई है। राम मंदिर निर्माण की शुरुआत हुई थी तो नींव को लेकर एक प्रयोग असफल हो गया था जिसमें नीव के अंदर की मिट्टी भुरभुरी पाई गई थी। आईआईटी रुड़की और आईआईटी चेन्नई के विशेषज्ञों ने रिपोर्ट देकर आशंका जताई थी कि नींव के अंदर की मिट्टी भुरभुरी है जिस पर लंबे समय तक राम मंदिर खड़ा रहना मुश्किल होगा। विशेषज्ञों की रिपोर्ट के बाद नींव की खुदाई का काम रोक दिया गया था। फरवरी माह में जब डिजाइन बनकर अयोध्या पहुंचेगा तब तक मलबा हटाने के काम समाप्त हो चुका होगा और राम मंदिर के नींव पर काम शुरू हो जाएगा। नींव की डिजाइन कैसे होगी और किस तरह से नींव की खुदाई शुरू की जाएगी जिससे शताब्दियों तक राम मंदिर खड़ा रह सके, इसे लेकर ही टाटा एलएनटी के इंजीनियर व ट्रस्ट के बीच तालमेल नहीं बैठ पा रहा था, लेकिन अब ये दुविधा भी समाप्त हो चुकी है।