नई दिल्ली। अपने राष्ट्रपति शी चिनफिंग की पहली भारत यात्रा की पूर्व संध्या पर चीन ने मंगलवार को दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को प्राच्य ज्ञान (ओरिएंटल विजडम) के माध्यम से हल करने की वकालत की। उसका कहना है कि दृढ़ इच्छा शक्ति और संकल्प से इस मुद्दे का उचित समाधान निकाला जा सकता है।
चिनफिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच पहले अहमदाबाद और फिर 18 सितंबर को दिल्ली में होने वाली बातचीत में भारत और चीन के बीच सीमा विवाद के मुद्दे पर प्रमुखता से चर्चा होगी। भारत में चीन के नव नियुक्त राजदूत ली युचेंग ने कहा, 'दोनों देशों में सभ्यता का पुराना इतिहास है। भारत और चीन को इतिहास से ही कुछ समस्या विरासत में मिली है। लेकिन इससे ज्यादा महत्वपूर्ण बात यह है कि हमने समस्याओं को हल करने के लिए प्राच्य ज्ञान भी विरासत में ही पाया है। मेरा विश्वास है कि अंतत: हम दृढ़ इच्छाशक्ति और संकल्प से सीमा विवाद का उचित हल निकाल लेंगे।'
उन्होंने कहा कि व्यावहारिक अनुभवों से साबित हुआ है कि यदि हम एक दूसरे का सम्मान करते हैं व उनकी चिंताओं का ध्यान रखते हैं तथा बाचचीत के माध्यम से मतभेद दूर करने पर जोर देते हैं तो सीमा विवाद जैसे मुद्दे का उचित निपटारा किया जा सकता है। उनकी यह टिप्पणी इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत ने चिनफिंग की यात्रा को लेकर उम्मीदें जाहिर की हैं। उसका कहना है कि चीनी राष्ट्रपति के दौरे से दोनों देशों के हितों पर ध्यान दिए जाने की उम्मीद है।