किसानों की मांग- तीनों कानून वापस लिए जाएं
नई दिल्ली । सरकार और किसानों के बीच 11वें राउंड की बैठक में केंद्र ने किसानों के सामने दो प्रपोजल दिए हैं। केंद्र ने किसानों से कहा है कि दो साल तक कृषि कानूनों को निलंबित किया जाएगा और एमएसपी पर बातचीत के लिए नई कमेटी का गठन किया जाएगा। हालांकि, इस पर अभी किसान संगठनों ने अपनी रजामंदी नहीं दी है। विज्ञान भवन में जब कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने 40 किसान संगठनों के नेताओं से बातचीत शुरू की थी तो किसानों ने केवल कानून वापसी की ही मांग उठाई। लंच के दौरान किसानों ने कहा कि सरकार हमारी प्रमुख मांगों पर कोई बातचीत नहीं कर रही है। एनआईए को लेकर हमने चर्चा की बात कही तो केंद्र ने कानूनों का मुद्दा छेड़ दिया। किसान नेताओं ने आंदोलन से जुड़े लोगों को नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी की तरफ से नोटिस भेजने का भी विरोध किया। संगठनों ने कहा कि एनआईए का इस्तेमाल किसानों को परेशान करने के लिए किया जा रहा है। इस पर सरकार ने जवाब दिया कि अगर ऐसा कोई बेगुनाह किसान आपको दिख रहा है तो आप लिस्ट दीजिए, हम ये मामला तुरंत देखेंगे।
गणतंत्र दिवस पर किसान ट्रैक्टर रैली निकालने में आमदा
गणतंत्र दिवस पर किसानों द्वारा ट्रैक्टर रैली निकालने वाले मामले पर बुधवार को फिर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सर्वोच्च अदालत ने इस विवाद में दखल देने से इनकार किया है और कहा है कि दिल्ली पुलिस ही इस पर इजाजत दे सकती है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के द्वारा लगातार कमेटी पर उठ रहे सवालों पर नाराजगी व्यक्त की गई। चीफ जस्टिस ने बुधवार को सुनवाई के दौरान कहा कि हम ट्रैक्टर रैली को लेकर कोई फैसला नहीं सुनाएंगे, कोर्ट किसी रैली को रोके ये बिल्कुल ठीक नहीं है। ऐसे में दिल्ली पुलिस को ही इसपर फैसला लेना चाहिए। यानी अब ट्रैक्टर रैली पर फैसला लेने की गेंद दिल्ली पुलिस के पाले में पहुंच गई है। बुधवार को सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एस.ए. बोबडे ने अदालत में वकीलों को सलाह दी कि वो किसानों से अपील करें कि ट्रैक्टर रैली को शांति के साथ निकालें।
किसान नेता बोले- हम निकालेंगे रैली
ट्रैक्टर रैली को लेकर ही किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि हम दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकालकर रहेंगे, हमें कौन रोकेगा। दिल्ली भी किसानों की है और गणतंत्र दिवस भी किसानों का है। राकेश टिकैत बोले कि पुलिस हमें क्यों रोकेगी, हम ट्रैक्टरों पर आ रहे हैं और किसी को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार किसानों के साथ सिर्फ बात कर रही है, कोई निर्णय नहीं ले रही है। कई किसानों को एनआईए द्वारा नोटिस भी दिया गया है, अगर ऐसा रहा तो सभी किसान एनआईए दफ्तर के बाहर ही धरना देंगे। ट्रैक्टर रैली को लेकर किसानों ने पूर्व सैनिकों से भी सलाह ली है, ताकि गणतंत्र दिवस के मौके पर ट्रैक्टर रैली को निकाला जा सके। इस दौरान किसान अपनी रैली में खेती से जुड़े बिंदुओं को देश के सामने रखेंगे। इस रैली में पूर्व सैनिक, खिलाड़ी भी हिस्सा लेंगे। साथ ही जिन किसानों ने आंदोलन के दौरान अपनी जान गंवाई है, उनको भी यहां नमन किया जाएगा।
कमेटी पर उठ रहे सवालों से खफा हुए सीजे
वहीं, सुप्रीम कोर्ट की ओर से बनाई गई कमेटी को लेकर उठ रहे सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रवैया दिखाया। चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने कहा, आपको कमेटी के समक्ष पेश नहीं होना मत हो, लेकिन किसी को इस तरह ब्रांड न करे। इस तरह किसी की छवि को खराब करना सही नहीं है। चीफ जस्टिस ने कहा कि पब्लिक ओपिनियन को लेकर अगर आप किसी की छवि को खराब करेंगे तो कोर्ट सहन नही करेगा। कमेटी के सदस्यों को लेकर इस तरफ चर्चा की जा रही है। हम केवल मामले की संवैधानिकता तय करेंगे।
टीकरी बॉर्डर पर 2 और किसानों की मौत
टिकरी बॉर्डर पर प्रदर्शन में शामिल बुजुर्ग किसान धन्ना सिंह की बुधवार को मौत हो गई, मौत की वजह अभी पता नहीं चल पाई है। उधर, 42 साल के किसान जय भगवान राणा की भी मौत हो गई। रोहतक जिले के रहने वाले राणा ने मंगलवार को सल्फास खा ली थी। वे टिकरी बॉर्डर पर प्रदर्शन में शामिल थे। राणा ने सुसाइड नोट में लिखा- अब यह आंदोलन नहीं रहा, बल्कि मुद्दों की लड़ाई बन गई है। किसानों की केंद्र सरकार से बातचीत में कोई हल भी नहीं निकल रहा।
कमेटी की किसानों से पहली मीटिंग आज
कृषि कानूनों के मुद्दे पर समाधान के लिए सुप्रीम कोर्ट की तरफ से बनाई गई कमेटी गुरूवार को किसान संगठनों के साथ बैठक करेगी। जो किसान नहीं आएंगे, उनसे मिलने भी जाएंगे। ऑनलाइन सुझाव लेने के लिए पोर्टल बनाया गया है। 15 मार्च तक किसानों के सुझाव लिए जाएंगे। इससे पहले समिति के सदस्यों की निजी राय कानूनों के पक्ष में होने का हवाला देते हुए उन्हें बदलने की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने कहा कि किसी व्यक्ति को उसके पहले के विचारों की वजह से समिति का सदस्य होने के लिए अयोग्य नहीं ठहराया जा सकता।
जो धरने में शामिल होगा उसे चुनाव में टिकट
उत्तर प्रदेश के बागपत पहुंचे राष्ट्रीय लोकदल के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने किसान धरने को संबोधित करते हुए बड़ा बयान दिया है। जयंत चौधरी ने अपनी पार्टी के नेताओं को कहा कि जो नेता धरने में शामिल होगा, उसे ही आरएलडी का आगामी चुनाव में टिकट मिलेगा। साथ ही उन्होंने राम मंदिर निर्माण को इक_ा किए जा रहे चंदे को लेकर भी तंज कसा। जयंत चौधरी ने कहा कि जो लोग राम के नाम पर वोट लेते हैं और चंदा इक_ा करते हैं, जनता को इलेक्शन में उनको भी देखना है। जयंत चौधरी ने आगामी 26 तारीख को किसान मार्च को लेकर आरएलडी कार्यकर्ताओं से किसानों के साथ शामिल होकर ट्रैक्टर मार्च निकालने की अपील की।