नई दिल्ली, इस बार गणतंत्र दिवस के अवसर पर किसी भी देश के राष्ट्रप्रमुख मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद नहीं होंगे. विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को बयान जारी करते हुए कहा कि कोरोना के कारण इस साल के गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में किसी विदेशी राष्ट्र प्रमुख या सरकार के मुखिया को आमंत्रित नहीं करने का फैसला लिया गया है. इससे पहले 1966 में ऐसा हुआ था, जब गणतंत्र दिवस बिना मुख्य अतिथि के मनाया गया था.बता दें कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन इस साल गणतंत्र दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि थे. बाद में उन्होंने अपना भारत दौरा रद्द कर दिया. बोरिस जॉनसन ने कोरोना के नए स्ट्रेन के चलते भारत दौरा रद्द किया. गणतंत्र दिवस पर न आने पर बोरिस जॉनसन ने अपने फैसले पर खेद भी जताया. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से बात की और भारत नहीं आ पाने के लिए खेद व्यक्त किया. पीएम से बात करते हुए बोरिस जॉनसन ने कहा था कि जिस गति से ब्रिटेन में नया कोरोना वायरस फैल रहा है, उनके लिए ब्रिटेन में रहना महत्वपूर्ण है, ताकि वह वायरस की घरेलू प्रतिक्रिया पर ध्यान केंद्रित कर सकें.यह चौथा ऐसा मौका होगा जब भारतीय गणतंत्र दिवस समारोह में कोई भी चीफ गेस्ट नहीं होगा. इससे पहले 1952, 1953 और 1966 में ऐसा हो चुका है. वहीं, कई बार ऐसे मौके भी आए जब देश के गणतंत्र दिवस समारोह में दो-दो अतिथि भी शामिल हुए. साल 1956, 1968 और 1974 में दो-दो मुख्य अतिथि शामिल हुए. वहीं, साल 2018 में 10 एशियाई देशों के प्रमुख गेस्ट के रूप में भारतीय गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल हुए थे. यह पहला मौका था जब इतने देशों के मुखिया 26 जनवरी के परेड में शामिल हुए थे.
कोरोना प्रोटोकॉल के साथ ही मनाया जाएगा गणतंत्र दिवस
कोरोना संक्रमण को देखते हुए 26 जनवरी का कार्यक्रम भी सादगी और कोरोना प्रोटोकॉल के साथ ही मनाया जाएगा. कोरोना का नया स्ट्रेन भारत में भी चिंता बढ़ा रहा है. ब्रिटेन में स्थिति बहुत गंभीर हो गई है. रोजाना संक्रमण के आंकड़े और मौत की संख्या पिछले रिकॉर्ड से काफी ऊपर निकल चुकी है. यही वजह है वैक्सीनेशन शुरू होने के बावजूद ब्रिटेन में तीसरी बार लॉकडाउन लगाना पड़ा है.