मध्य प्रदेश के उज्जैन में पुलिस ने शादी के नाम पर धोखाधड़ी करने वाली दो युवतियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों में से एक कुंवारी युवती बन शादी रचाती थी, जबकि थोड़ी ज्यादा उम्र की महिला मामी बन उसका कन्यादान करती थी. शादी के अगले दिन दुल्हन सभी को सोता हुए छोड़कर कीमती सामान लूटकर भाग जाती थी. पुलिस ने गिरोह के दो पुरुष सदस्यों को भी गिरफ्तार किया है.

दरअसल, उज्जैन के बडनगर में रहने वाले दिनेश प्रजापत ने उज्जैन के चिंतामन मंदिर में शादी की थी. रिश्ता लेकर आई महिला ने उसके 80 हजार रुपए भी लिए थे. शादी के अगले ही दिन दुल्हन बनी युवती घर से सारा कीमती सामान लेकर फरार हो गई. दिनेश ने अपने साथ हुई धोखाधड़ी की शिकायत चिमनगंज थाने पर दर्ज कराई थी.

पुलिस ने तस्वीरों और मोबाइल नंबरों के आधार पर 'लुटेरी' दुल्हन की तलाश शुरू की. पुलिस ने सबसे पहले इंदौर के गौरी नगर में रहने वाली सीमा उर्फ दुर्गा उर्फ दिव्या को हिरासत में लिया. उससे हुई पूछताछ के आधार पर पुलिस ने इंदौर में ही रहने वाली उसकी मुंहबोली मामी सारिका और मामा राकेश अहिरवार को गिरफ्तार किया.

तीनों से हुई पूछताछ में शादी के नाम पर धोखाधड़ी के फर्जीवाड़े का खुलासा हो गया. पुलिस के मुताबिक ये गिरोह शादी के नाम पर ज्यादा उम्र के लड़कों, विधुर और तलाकशुदा व्यक्तियों को अपना शिकार बनाता था.

गिरोह में सीमा सबसे खूबसूरत है. इस वजह से उसे दुल्हन बताकर शिकार को जाल में फंसाया जाता था. इसके लिए गिरोह की एक अन्य महिला सदस्य सारिका खुद को उसकी मामी बताती थी. सीमा से रिश्ता पक्का होते ही गिरोह के बाकी सदस्य सक्रिय हो जाते थे.

शादी के नाम पर दूल्हे से मोटी रकम वसूली जाती थी और फिर मंदिर या किसी जगह पर शादी कर सीमा को विदा कर दिया जाता था. शादी के अगले ही दिन सीमा ससुराल के सभी लोगों को सोता हुआ छोड़ कीमती सामान लेकर रफूचक्कर हो जाती थी. इसके बाद सभी मिलकर रुपए का बंटवारा कर लेते थे.

पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस गिरोह के अब तक ऐसे कितने लोगों को अपना शिकार बनाकर लूट की वारदात को अंजाम दिया है.