दर्दनाक: पिता के इलाज के लिए रेलकर्मी से करता रहा मिन्नतें, बेटे की गोद में पिता ने तोड़ा दम

इलाहाबाद, पिता का उपचार कराने ट्रेन से देवरिया से दिल्ली जा रहे बेटे पर उस समय दुखों का पहाड़ टूट पड़ा, जब पिता ने बेटे की गोद में ही दम तोड़ दिया। यदि उन्हें सही समय पर उपचार मिल जाता तो शायद जान बच सकती थी। टीटीई से लाख गुजारश करने के बावजूद ट्रेन नहीं रोकी गई। गुरुवार सुबह ट्रेन के अलीगढ़ स्टेशन पहुंचने पर वृद्ध का शव उतारा गया। 

देवरिया के गांव डोल छपरा सलेमपुर निवासी जगन्नाथ को डेंगू था। बेटा बृजमोहन पिता का इलाज कराने के लिए बुधवार शाम देवरिया से लिच्छवी एक्सप्रेस से दिल्ली के लिए निकला। ट्रेन आठ घंटे लेट चल रही थी। इसी बीच टूंडला से पहले ही अचानक जगन्नाथ की तबीयत और बिगड़ गई। बेटे ने इसकी जानकारी ट्रेन में मौजूद टीटीई को दी। टूंडला में ट्रेन रोकने के साथ ही उपचार के लिए चिकित्सक उपलब्ध कराने की मांग की, लेकिन टीटीई ने हाथ खड़े कर दिए। बेटे ने टीटीई से पिता की जिंदगी की गुहार लगाते हुए हाथ जोड़े और मिन्नते कीं, लेकिन टीटीई का दिल नहीं पसीजा। कुछ समय बाद ही पिता ने बेटे की गोद में दम तोड़ दिया। 

दिनभर पार्किंग में पड़ा रहा शव-
पहले तो पिता को अपनी गोद में अंतिम सांस लेते देख बृजमोहन पूरी तरह टूट चुका था। इसके बाद जब ट्रेन अलीगढ़ रेलवे स्टेशन पर पहुंची तो यहां जीआरपी को सूचना दी गई। इसके बाद जीआरपी ने कागजी कार्रवाई कर शव को थाने के पीछे बनी पार्किंग में रखवा दिया। दोपहर बाद बृजमोहन को पिता के शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए कहा गया। इसके चलते दिनभर पार्किंग में ही शव पड़ा रहा। 

इमरजेंसी के दौरान रोकी जा सकती है ट्रेन-
अधिकारियों के मुताबिक अगर ट्रेन में किसी की तबीयत खराब हो जाती है, या किसी अन्य प्रकार की इमरजेंसी होती है तो ट्रेन को नजदीकी स्टेशन पर रोका जा सकता है। वहीं मरीज के लिए डॉक्टर की उलब्धता भी कराई जा सकती है।

कोट-
अगर किसी की तबीयत खराब होती है तो ट्रेन को नजदीकी स्टेशन पर रोककर चिकित्सक उपलब्ध कराया जा सकता है। ट्रेन किस कारण नहीं रोकी गई, इस मामले में जानकारी कर कार्रवाई की जाएगी। 
-संजय कुमार पंकज, डीआरएम, इलाहाबाद