देशभर में पर्व का सीजन शुरू हो गया है। नवरात्रि और दशहरा के समाप्ति के बाद अब करवा चौथ और दिवाली का समय नजदीक आ रहा है। इस साल करवा चौथ 8 अक्टूबर को पड़ रहा है। हिंदू कैलेंडर की मानें तो यह पर्व कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है।
करवा चौथ के मौके पर महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना करते हुए दिनभर व्रत रखती हैं। इसके बाद वे रात को चांद का दीदार करके व्रत तोड़ती हैं।
महिलाएं करवा चौथ के दिन शिव, पावर्ती और कार्तिक की पूजा-अर्चना करती हैं। इसके बाद वे शाम को छलनी से चंद्रमा और पति को देखते हुए पूजा करती हैं। चांद का दीदार करने के बाद महिलाएं पति के हाथों पानी पीकर अपना व्रत तोड़ती हैं। मान्यताओं के अनुसार, छलनी से चंद्रमा देखते हुए पति की शक्ल देखना शुभ माना जाता है।
जानिए कब है शुभ मुहूर्त
इस साल आठ अक्टूबर को पड़ने वाले करवा चौथ का शुभ मुहूर्त शाम छह बजकर 16 मिनट से शुरू होकर शाम सात बजकर 30 मिनट तक पड़ रहा है। वहीं, इस दिन चंद्रोदय का समय रात 8:40 मिनट पर बताया जा रहा है।
जानिए क्या है करवा चौथ का अर्थ
पति की लंबी उम्र के लिए रखा जाने वाला करवा चौथ का व्रत तकरीबन सभी महिलाएं रखती हैं। करवा का अर्थ मिट्टी से बना बर्तन होता है। इस बर्तन में गेहूं रखा जाता है। वहीं, चौथ का मतलब है कि चूंकि करवा चौथ कृष्णा पक्ष के चौथे दिन मनाया जाता है इसलिए इसे चौथ कहते हैं।