बच्चों की सुरक्षा को लेकर परिजनों में भय का माहौल
रायपुर।
 देश में इन दिनों अपने बच्चों के बेहतर शिक्षा के लिए जहां परिजन जद्दोजहद कर अपने जीवनभर की कमाई लगाते नजर आ रहे है। वहीं निजी स्कूल संचालकों द्वारा देशभर में परिजनों को लूटने का कार्य सक्रिय रूप से जारी है।
ज्ञातव्य हो कि रेयान इंटरनेश्नल स्कूल गुडग़ांव की घटना किसी से छुपी नहीं है। इन परिस्थितियों में परिजनों में अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर भय का माहौल व्याप्त है। परिजनों का कहना है कि अगर स्कूल में अध्ययन के लिए जाने वाले मासूम व नन्हें बच्चें सुरक्षित नहीं रहेंगे तो किसके भरोसे बच्चों को स्कूल में छोड़ा जाए चूँकि नन्हें बच्चों का भविष्य स्कूल निर्धारित करता है। इसीलिए स्कूल को उनका दूसरा घर माना जाता है।
वहीं इन दिनों सोशल मीडिया में बच्चों के साथ अभद्र व आपत्तिजनक व्यवहार करते हुए शिक्षकों के वीडियो चर्चें में है। हैरानी की बात तो यह है कि लोग अपने बच्चों की सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए ऐसे वीडियों का प्रचार-प्रसार सोशल मीडिया पर धड़ल्ले से कर रहे है जिससे स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों के परिजन शिक्षकों से जाकर अपने बच्चों की स्थिति के बारे में जानकारी ले सके।
ज्ञातव्य हो कि माता-पिता बच्चों के प्रथम गुरू होते है। वहीं सांसारिक व व्यवहारिक ज्ञान के साथ शिक्षा संबंधी ज्ञान के लिए द्वितीय गुरू के रूप में शिक्षक होते है। बावजूद इसके बच्चों के साथ अश्लील व आपत्तिजनक हरकत करने वाले शिक्षकों पर लगाम लगाने में निजी स्कूल प्रबंधक पूर्णत: विफल दिख रहा है।  वहीं शिक्षकों  द्वारा बच्चों के साथ ऐसा  व्यवहार किया जाना अब परिजनों के लिए चिंता का विषय बन चुका है।
एक तरफ शिक्षा विभाग द्वारा करोड़ों रूपए निजी स्कूलों को अनुदान देकर शिक्षा का स्तर सुदूर करने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ शिक्षकों द्वारा बच्चों को प्रताडि़त करना आम बात हो गई है।