21 प्रकार के दिव्यांगजनों को नए एक्ट में शामिल किया गया :
दिव्यांगजन अब सामान्य विद्यालयों में भी ले सकेंगे प्रवेश 
दिव्यांगजन के लिए 3 हजार स्पेशल बोगी तैयार कर रहा रेलवे च्
रायपुर। 
भारत सरकार दिव्यांगनजनों को स्वावलंबी बनाने की दिशा में कई योजनाएं संचालित कर रही है, इसका लाभ भी दिव्यांगनजनों को दिया जा रहा है। उन्हें स्वरोजगार के लिए एनएचएफडीसी के माध्यम से 4 प्रतिशत ब्याज की दर पर ऋण उपलब्ध कराया जाता है। इसके अलावा केन्द्र स्तर पर 5 लाख से अधिक की राशि भी स्वीकृत की जा रही है। पुराने एक्ट में दिव्यांगजनों को शासकीय सेवा में 3 प्रतिशत का आरक्षण की व्यवस्था थी, लेकिन मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में यह 6 प्रतिशत है। दिव्यांगजनों को दी जाने वाली पेंशन राशि वर्तमान में कम है, इसे बढ़ाने के लिए कहा गया है।
उक्त बातें आज न्यू सर्किट हाउस में एक प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए केन्द्र सरकार के दिव्यांगजन मुख्य आयुक्त डॉ. कमलेश पांडे ने कही। डा. पांडे ने बताया कि बताया कि वर्ष 1995 के एक्ट में दिव्यांगजनों के लिए काफी कम सुविधाएं थी और कई प्रकार के दिव्यांगजनों को इसका लाभ नहीं मिलता था, लेकिन वर्तमान में 2016 से लागू नए एक्ट में 21 प्रकार के निशक्तजनों को इस एक्ट में शामिल करते हुए उन्हें दिव्यांगजनों को मिलने वाली सुविधाओं में शामिल किया गया है।

श्री पांडे ने कहा कि वे दो दिवसीय दौरे पर छत्तीसगढ़ आए थे और यहां 6 बैठकों में शामिल हुए हैं। इसके अलावा आज उन्होंने दिव्यांगजनों के लिए काम करने वाली एनजीओ की बैठक ली है और दोपहर पश्चात कुछ एनजीओ का दौरा भी करेंगे। श्री पांडे ने बताया कि पूरे देश में मात्र 1 प्रतिशत दिव्यांगजन ही भीख मांगते हैं, बाकी सभी या तो स्वरोजगार से जुड़े हुए हैं या फिर परिजनों के साथ काम में हाथ बंटाते हैं। उन्होंने छत्तीसगढ़ की तारीफ करते हुए कहा कि राज्य में दिव्यांगजनों के लिए योजनाओं का क्रियान्वयन बेहतर ढंग से किया जा रहा है।

आज की बैठक में 11 विभाग के अधिकारी भी उपस्थित थे। इसके अलावा उन्होंने मुख्य सचिव विवेक ढांढ से भी दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण की दिशा में कार्य करने के लिए वार्ता की है। दिव्यांगजनों के लिए पृथक से विश्वविद्यालय संचालित करने के लिए भी उन्होंने मुख्य सचिव से कहा है, इसके अलावा उन्होंने इसी विषय पर आज राज्यपाल से भी भेंट की है।  श्री पांडे ने बताया कि अब हमारी कोशिश है कि दिव्यांगजनों को भी सामान्य विद्यालयों में प्रवेश मिल सके और इसके लिए सभी विभागों को परिपत्र भी जारी कर दिया गया है। कोई भी स्कूल अब दिव्यांगजनों को प्रवेश देने से इंकार नहीं कर सकता। पहले दिव्यांगजनों के लिए स्पेशल स्कूल होते थे और सिर्फ वहां ही वे शिक्षा ग्रहण करते थे, इसी से संबंधित एक प्रश्र पर उन्होंने कहा कि देश में दिव्यांगजनों को पढ़ाने के लिए 3.50 लाख शिक्षकों की जरूरत है।
लेकिन वर्तमान में केवल 84 हजार शिक्षक ही उपलब्ध हैं। श्री पांडे ने बताया कि दिव्यांगजनों को रेलवे में सफर के दौरान मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, इसे ध्यान में रखते हुए रेलवे अब उनके लिए 3000 स्पेशल बोगी तैयार कर रहा है और 700 स्टेशनों में दिव्यांगजनों के लिए सुगम आवाजाही के लिए व्यवस्था की जा रही है। 

दोषी पाए जाने पर एनजीओ होंगे ब्लैक लिस्टेड और रिकव्हरी भी
प्रदेश  के कई एनजीओ द्वारा सरकारी अनुदान के दुरुपयोग संबंधी प्रश्र पर श्री पांडे ने अनभिज्ञता जाहिर करते हुए राज्य के संचालक संजय अलंग से प्रश्र का जवाब देने कहा, जिस पर श्री अलंग ने बताया कि कोपलवाणी संस्था के खिलाफ शिकायत मिली थी। राज्य सरकार के आदेश पर जिला प्रशासन ने मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंप दी है। जांच रिपोर्ट के अध्ययन के बाद आगे की कार्यवाही तय की जाएगी। वहीं डा. कमलेश पांडे ने कहा कि जो भी एनजीओ फंड के दुरुपयोग में दोषी पाया जाएगा, उन्हें ब्लैक लिस्टेड कर उनसे रिकव्हरी की जाएगी।