जम्मू कश्मीर के तंगधार में रविवार को शहीद हुए भारतीय सेना की जवान गणपतराम कड़वासरा ने एक महीने पहले ही अपने दोस्तों को देश के लिए अपनी जान न्यौच्छावर करने के जज्बे का करा दिया था. वो 15 अगस्त को छुट्‌टी पर आया हुआ था और गांव के सरकारी स्कूल में हुए स्वाधीनता समारोह में कहा था कि दोस्तों तिरंगे के साथ एक सेल्फी तो ले लो, पता नहीं कब इस में लिपट कर आऊं.
 
ऐसा ही हुआ, रविवार को गणपतराम शहीद हो गया. शहीद का अंतिम संस्कार मंगलवार को राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा. 20 जाट यूनिट में कार्यरत जोधपुर जिले के सिपाही गणपतराम आंतकवादियों के विरूद्ध कार्यवाही में शहीद हो गए थे.
 
शहीद का दाह संस्कार उनके पैतृक गांव खुडियाला में होगा. जोधपुर जिले की तिंवरी तहसील के खारदामेवास में स्थित खुडियाला में इसकी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.

उधर, पाली जिले के रायपुर मारवाड़ उपखण्ड के बिराटिया कलां गांव में सोमवार को सेना के जवान और स्थानीय निवासी बिरजू का अंतिम संस्कार राष्ट्रीय सम्मान के साथ हुआ. अंतिम संस्कार में सेना के कई जवान और अधिकारी सहित स्थानीय प्रशासन के साथ हजारों लोग मोजुद रहे.

बता दें कि बिराटिया कलां निवासी बिरजू (30) पुत्र बस्तीराम नायक आसाम में पोस्टेड था. कुछ दिन पहले ही अपने पैतृक गावं बिराटिया कलां आया था. वह अपने छोटे भाई गोविन्द के साथ बाइक पर जा रहा था तभी बिराटिया कलां से कुछ दुरी पर ही सामने आ रही तेज रफ्तार कार ने बिरजू की बाइक को टक्कर मार दी, जिससे दोनों घायल हो गए. मौके पर मौजूद चेचेरे भाई सेतान उसे बर के राजकीय अस्पताल ले गया, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई और भाई गोविन्द का अस्पताल में उपचार जारी है.