छत्तीसगढ़ के महासमुंद के घूंचापाली गांव में स्थित मां चंडी के मंदिर में दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा रहता है. लेकिन यहां आस्था का एक अनोखा रूप जानवरों में देखने को मिला है. यहां इंसान के साथ-साथ भालुओं का परिवार भी मां के दर्शन के लिए आता है.

जंगली भालुओं का एक पूरा परि‍वार रोज शाम माता के दरबार में पूजा-अर्चना के लि‍ए आता है. हैरानी की बात ये है कि हम इंसानों की तरह ही भालुओं का परिवार भी ईश्‍वर की आराधना करता है. पूजा की इस प्रक्रिया में भालू बकायदा मां के चरणों में मत्था टेकना, परिक्रमा लगाना और प्रसाद खाना करता है. मां के दर्शन कर ये भालुओं का ये परिवार वापस जंगल में चला जाता हैं.

भालुओं की आस्था का ये नजारा देखने के लिए दूर-दूर से भक्तों आ रहे हैं. भक्तों का मानना है कि माता का चमत्कार है कि यहां भालू भी मां के भक्त हैं. चंडी मां सभी भक्तों की मनोकामना पूरी करती हैं.

वहीं मंदि‍र के कर्मचारि‍यों ने बताया कि‍ बहुत साल पहले यहां भालू आते थे लेकिन बीच में बिल्कुल गायब हो गए थे. अभी हाल ही में ये मंदिरों में दिखाई दे रहे हैं और ये भी इंसानों की तरह माता के भक्‍त हैं. रोजाना शाम ये भालू मां की आरती में भी शामि‍ल होते हैं. ये भालू किसी का भी कुछ नुकसान नहीं करते हैं. चंडी मां का ये मंदिर तीन सौ साल पुराना मंदिर है.