
भोपाल। मप्र में 709 करोड़ रु. खर्च कर 8 रुपए किलो के हिसाब से 87 हजार क्विंटल प्याज खरीदी गई। इससे किसानों को फायदा हुआ हो या नहीं, लेकिन यह प्याज अब राज्य सरकार को रुला सकती है। वजह यह कि केंद्र ने अब प्रदेश सरकार को दी जाने वाली अपने हिस्से की राशि फिलहाल रोक दी है। उसका कहना है कि मप्र को प्याज की खरीदी 5.86 रु. किलो के हिसाब से करनी थी लेकिन उसने ज्यादा कीमत में खरीदी। सोमवार को प्याज के मामलों को सुलझाने के लिए कृषि उत्पादन आयुक्त के कक्ष में मीटिंग भी बुलाई गई है। बैठक में यह मसला भी रखा जा रहा है कि प्याज खरीदी में कुल 709 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। 580 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया गया। लेकिन यह राशि भी वित्त विभाग के अड़ंगे के कारण निकाली नहीं जा सकी। केंद्र सरकार से मप्र को 78 करोड़ रुपए मिल सकते थे। लेकिन अब केंद्र का रुख भी सख्त हो गया है। ऐसी परिस्थिति में प्याज रुलाने की पूरी तैयारी में है। प्याज खरीदी से जुड़ी संस्था मार्कफेड के प्रबंध संचालक ज्ञानेश्वर पाटिल का कहना है कि केंद्र सरकार ने जो जानकारी मांगी है, वह भेजी जा रही है। उच्च स्तरीय कमेटी में एपीसी के साथ प्रमुख सचिव कृषि, प्रमुख सचिव उद्यानिकी, प्रमुख सचिव खाद्य, सचिव वित्त, एमडी मंडी बोर्ड, एमडी आपूर्ति निगम व एमडी वेयर हाउसिंग काॅरपोरेशन शामिल रहेंगे।
5.86. के हिसाब से होनी थी खरीद....
- मप्र सरकार को प्याज की खरीदी 5.86 रुपए प्रतिकिलो के हिसाब से करनी थी।
- समर्थन मूल्य योजना के तहत 25 प्रतिशत से अधिक प्याज की खरीदी नहीं करनी थी।
- इस वजह से केंद्र से मिलने वाली राशि सिर्फ 78 करोड़ हो गई है।
- राज्य सरकार ने पैकेजिंग और रखरखाव पर भी 100 करोड़ अतिरिक्त खर्च कर दिए हैं।
- केंद्र ने इस खर्च की दर 1.46 प्रति किलो के हिसाब से तय की है।
- केंद्र इस दर पर सिर्फ 12.5 प्रतिशत ही राशि देगा।
- आर्थिक तंगी से गुजर रही मप्र सरकार के लिए ये एक बड़ा झटका होगा।
- हाल ही में सरकार ने बाजार से 2 हजार करोड़ का कर्ज लिया है।
- हाल ही में सरकार ने बाजार से 2 हजार करोड़ का कर्ज लिया है।
गायब हुई 50 करोड़ की प्याज पर फैसला आज
- प्रदेश में 87 लाख 32 हजार 771 क्विंटल प्याज खरीदी गई। नागरिक आपूर्ति निगम के एमडी ने बताया है कि उन्हें 83.71 लाख क्विंटल प्याज सौंपी गई।
- प्रदेश में 87 लाख 32 हजार 771 क्विंटल प्याज खरीदी गई। नागरिक आपूर्ति निगम के एमडी ने बताया है कि उन्हें 83.71 लाख क्विंटल प्याज सौंपी गई।
- खरीदी करने वाले मार्कफेड का दावा है कि 84. 25 लाख क्विंटल प्याज आपूर्ति निगम को सौंपी गई। यानी 54 हजार क्विंटल प्याज गायब है।
कलेक्टर ने नष्ट करा दी 49 हजार क्विंटल प्याज
- प्याज खरीदी के समय शासन ने तय किया था कि प्याज नष्ट करने का काम आपूर्ति निगम करेगा।
- प्याज खरीदी के समय शासन ने तय किया था कि प्याज नष्ट करने का काम आपूर्ति निगम करेगा।
- धार जिले की खरीद समितियों ने कलेक्टर के निर्देश को आधार बनाकर 49 हजार 612 क्विंटल प्याज नष्ट कर दी। कमेटी इस पर भी निर्णय लेगी।