बगदाद। इस्लामिक स्टेट (आइएस) के आतंकियों ने इराकी अल्पसंख्यक याजिदी समुदाय के 500 लोगों की हत्या कर दी है। कुछ को जिंदा दफना दिया है और 300 याजिदी महिलाओं को गुलाम बनाकर ले गए हैं। इराकी सरकार के मानवाधिकार मंत्री मुहम्मद शिया अल-सुदानी ने रविवार को सिंजर से भागकर आए लोगों के हवाले से यह जानकारी दी। इस बीच अमेरिकी विमानों ने अरबिल शहर के आसपास आइएस के ठिकानों पर फिर बम बरसाए हैं। सिंजर पहाड़ पर शरण लिए 20 हजार इराकियों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। इन लोगों को सीरिया ले जाकर फिर इराक में भेज दिया गया है। अब ये कुर्दिस्तान में हैं।

इससे पहले सुन्नी मुस्लिमों के संगठन ने याजिदी समुदाय से कहा था या तो वे इस्लाम कबूल कर लें या मारे जाएं। सुदानी ने आरोप लगाया कि इस जघन्य कृत्य को अंजाम देने के बाद आतंकियों ने अपने हथियार हवा में लहराकर जश्न मनाया। इस घटना की अभी स्वतंत्र रूप से रूप पुष्टि नहीं हुई है।

ज्ञातव्य है कि आइएस के उत्तरी इराक में बढ़ते क्षेत्र से हजारों लोगों को भागने के लिए मजबूर होना पड़ा है। इससे कुर्दो के स्वायत्तशासी क्षेत्र की राजधानी पर खतरा बढ़ गया है और अमेरिका को वर्ष 2011 के अंत में अपनी सेनाओं की वापसी के बाद पहली बार विमानों से बम बरसाने पड़े हैं। सुदानी ने टेलीफोन पर दिए साक्षात्कार में बताया कि हत्या की ये खबरें याजिदी समुदाय के पुराने गढ़ सिंजर से भागकर आए ऐसे लोगों से मिली हैं जिनकी जान मुश्किल से बच पाई है और जिन्होंने ये मंजर से देखे हैं। याजिदी कुर्दिश बोलते हैं और इनका धर्म मुस्लिम और अन्य मत मानने वालों से अलग है। मंत्री ने कहा कि आइएस आतंकियों ने महिलाओं और बच्चों सहित कुछ लोगों को सिंजर के आसपास की कब्रों में सामूहिक रूप से जिंदा दफना दिया है। आतंकी कम से कम 300 याजिदी महिलाओं को गुलाम के रूप में अपने साथ ले गए हैं। इनमें से कुछ को उन्होंने सिंजर के एक पुलिस स्टेशन में बंद कर रखा है जबकि अन्य को तल अफर भेजा है। हमें डर है कि वे उन्हें देश के बाहर ले जाएंगे। कुछ ऐसी तस्वीरें मिली हैं जिनमें मारे गए याजिदी लोगों की लाइनें लगी हुई हैं जिनकी हत्या उनके सिर में गोली मार कर की गई है और आइएस आतंकी उनके शवों पर खड़े होकर खुशी से अपने हथियार हवा में लहरा रहे हैं। 300 याजिदी परिवारों के लिए इस्लाम कबूल करने के लिए दी गई समय सीमा रविवार की दोपहर में ही समाप्त हुई थी। याजिदी छठी शताब्दी में फारस में प्रचलित पारसी धर्म से प्रभावित धर्म मानते हैं। अमेरिकी सैन्य विमानों ने याजिदी समुदाय के उन हजारों लोगों के लिए राहत सामग्री गिराई है जो आइएस आतंकियों से जान बचाने के लिए सिंजर की पहाड़ियों पर शरण लिए हुए हैं। वेटिकन में पोप फ्रांसिस ने इराक में मारे गए लोगों के लिए मौन रहकर प्रार्थना की और इस समस्या का राजनीतिक हल निकालने की अपील की। अमेरिका ने रविवार को ड्रोन और लड़ाकू विमानों से अरबिल के पास आइएस के आतंकियों पर बम गिराए। अरबिल में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास और अमेरिका और इराक के संयुक्त सैन्य अभियान दल का केंद्र है। इस हमले में आइएस का एक ट्रक नष्ट कर दिया जिस पर से कुर्द लड़ाकों को आतंकी निशाना बना रहे थे। इसके बाद उनके ट्रकों और जहां से गोले दागे जा रहे थे वहां भी चार हमले किए गए। इस बीच सिंजर में राहत सामग्री पहुंचाने में फ्रांस और ब्रिटेन भी जुट गए हैं।

''इराक में बहुत सारे ईसाइयों समेत हजारों लोग अपने घरों से भगा दिए गए। उनके बच्चे भूख-प्यास से मर रहे हैं। वहां महिलाओं का अपहरण, नरसंहार, हर तरह की हिंसा हो रही है। यह ईश्वर और मानवता के प्रति घोर अपराध है।''