राजस्थान के किसानों को जिस कर्ज माफी का भरोसा बीजेपी सरकार ने दिलाया है उसके लिए अब यूपी, पंजाब की सरकारों के फैसले नजीर बन सकते हैं.
दरअसल, अखिल भारतीय किसान महासंघ ने किसानों के कर्जे माफी को लेकर तेरह दिनों तक चला आन्दोलन बुधवार देर रात समाप्त तो हो गया लेकिन इस शर्त पर कि सरकार 50 हजार रुपए तक कर्ज माफ करेगी. अब इस कर्ज माफी के लिए गठित की जाने वाली उच्च स्तरीय कमेटी अन्य राज्यों के पूर्ववर्ती फैसलों का अध्ययन करेगी और अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी.
जानकारी के अनुसार कमेटी उत्तर प्रदेश, पंजाब, महाराष्ट्र, केरल और अन्य राज्यों में अपनाई गई प्रक्रिया का अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट एक महीने में सरकार को सौंपेगी.
उधर, महासंघ के वरिष्ठ नेता अमरा राम ने आन्दोलन वापस लेने की घोषणा करने के साथ ही सीकर में चल रहे महापडाव को भी समाप्त करने का ऐलान किया. किसान प्रतिनिधियों ने मंत्रिमंडलीय समूह एवं किसान प्रतिनिधियों के मध्य हुई वार्ता में किसानों के पचास हजार रुपये तक के कर्जे माफ करने के लिए एक उच्चस्तरीय समिति गठित करने का निर्णय लिया है.
मंत्रिमंडलीय उपसमिति में कृषि मंत्री, प्रभूलाल सैनी, जल संसाधन मंत्री, डॉ. रामप्रताप, सहकारिता एवं गोपालन अजय सिंह किलक, ऊर्जा राज्यमंत्री पुष्पेन्द्र सिंह, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी मौजूद रहे. परनामी बतौर विधायक बैठक में शरीक हुए.