गौरतलब है कि एस-400 ट्रायंफ की मदद से भारत 600 किसी तक की रेंज में ट्रैकिंग कर सकता है। मिसाइल सिस्टम एक समय में 400 किमी की रेंग में 36 टार्गेट को निशाना बना सकता है। इस डिफेंस की मदद से भारत पाकिस्तान के एयरबेस में होने वाली हरकतों पर भी नजर रख सकता है। इसके साथ ही तिब्बत में चीनी सेना की हरकत की भी निगरानी की जा सकेगी।
जानें क्या है एस-400 ट्रायंफ?
यह एक ऐसी एयर डिफेंस मिसाइल प्रणाली है जो दुश्मन बाहरी मिसाइल हमलों से देश की रक्षा करता है। यह इतना अत्याधुनिक है कि देश पर संभावित मिसाइल हमले की तुरंत जानकारी देता है और जरूरत पड़ने पर यह एंटी मिसाइल दागकर दुश्मन के मिसाइल को मार गिराता है।
भारतीय वायु सेना को और ज्यादा मजबूती देने और रक्षा तंत्र की खामियों को पूरा करने के लिए यह खरीद भारत के लिए बेहद जरूरी थी। ऐसा माना जाता है कि भारतीय परमाणु संयंत्रों, परमाणु संस्थानों, अति महत्वपूर्ण भवनों और कई अन्य महत्वपू्र्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
रूस एस-400 ट्रायंफ मिसाइल सिस्टम खरीदने वाला भारत दूसरा देश है। इससे पहले चीन ने इस प्रणाली को खरीदने के लिए अपनी इच्छा जाहिर की। करीब 65 अरब रुपये के इस डील की आपूर्ति इस साल पूरी होने की संभावना है। यह एयर डिफेंस सिस्टम इतना अत्याधुनिक है कि इससे नाटो के देश भी चिंतित हैं।