जगदलपुर। अभी स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री के द्वारा रायपुर में यह घोषणा की गई थी कि बस्तर जिले के तोकापाल और जगदलपुर विकासखंडों को खुले में शौच मुक्त कर दिया गया है, लेकिन वस्तुस्थिति इसके ठीक विपरीत है। वर्तमान में शहर में शौचालयों का ही निर्माण पूरा नहीं हो सका है। बिना शौचालयों के निर्माण के खुले में शौच जाने की विवशता अभी भी लोगों को हो रही है।
इसके अलावा जिन प्रमुख वार्डों में सामुदायिक शौचालयों का निर्माण करने की जानकारी पिछले दिनों दी गई थी उन सामुदायिक शौचालयों का निर्माण भी आधा अधूरा है। इससे निगम के कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लग गया है। वैसे पिछले दिनों निगम ने विशेष सामान्य सभा आयोजित कर शहर को ओडीएफ करने की औपचारिकता भी पूरी कर ली है।
इस संबंध में यह एक उल्लेखनीय तथ्य है कि शहर में 4 हजार से अधिक निजी पक्के शौचालयों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया था जिसे पूरा नहीं किया जा सका है और अभी भी एक हजार से अधिक शौचालयों का निर्माण बाकी है। शौचालयों के निर्माण न होने से शहर के अधिकांश निर्धन व साधन विहीन लोगों को खुले में शौच जाने की परेशानी का सामना प्रतिदिन करना पड़ता है। दूसरी ओर शहर में कुल 26 सामुदायिक शौचालयों के निर्माण की घोषणा की गई थी जिनमें से केवल 15 ही काम कर रहे हैं और 6 सामुदायिक शौचालयों का निर्माण जारी है। 3 सामुदायिक शौचालय रख-रखाव एवं रिपेरिंग के कारण बंद कर दिये गये हैं। 
यह भी एक मजेदार तथ्य है कि ओडीएफ घोषित होने के बाद खुले में शौच करने वाले लोगों ने एयरपोर्ट और सड़क के किनारे बनी पुरानी दीवार को भी तोड़कर आने-जाने की सुगमता हासिल कर ली है और अब नई बाउंड्री व पुरानी बाउंड्र्री की दीवार के बीच में रिक्त जगह पर वे धड़ल्ले से अपना कार्य कर रहे हैं।