रायपुर। धान के बोनस का ऐलान कर सरकार ने किसानों की मुश्किलों से निकालने की तो कोशिश की है! लेकिन बोनस को लेकर जारी आदेश ने सरकार को खुद ही उलझा दिया। दरअसल कृषि विभाग के ्रएसीएस अजय सिंह की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि 2016-17 में राज्य सरकार उत्पादित धान पर 300 रुपये क्विंटल बांटेगी। बोनस वितरण की प्रक्रिया और पात्रता के बारे में आदेश अलग से जारी किया जायेगा।
अब कांग्रेस ने इसी आदेश के आधार पर बोनस बांटने की मांग कर रही है। पीसीसी चीफ भूपेश बघेल का दावा है कि इस आदेश के आधार पर राज्य सरकार को सिर्फ 13 लाख किसानों को नहीं  बल्कि 37 लाख किसानों को बोनस बांटना होगा और कांग्रेस चाहती भी यही है। इस आदेश में दो-तीन पेंच हैं, जिसकी वजह से सरकार खुद मुश्किलों में फंस सकती है। मुख्यमंत्री ने कल धान के बोनस का ऐलान करते वक्त कहा कि प्रदेश के 13 लाख किसानों को 2100 करोड़ का बोनस बांटा जायेगा। 13 लाख किसान वो हैं.. जिन्होंने सोसायटी में आकर धान बेची है। और सरकार ने समर्थन मूल्य पर जिनसे करीब 70 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की है। लेकिन हकीकत में किसानों का आंकड़ा करीब 37 लाख है। 37 लाख किसानों में से 13 लाख ही ऐसे किसान हैं, जो सोसायटियों में जाकर धान बेचते हैं। सरकार के पास आंकड़ा भी उन्हीं किसानों का है जो सोसायटियों में आते हैं। अब आदेश में ये लिखा है कि उत्पादित धान पर बोनस दिया जायेगा। लिहाजा इस आदेश के मुताबिक सरकार को उन सभी किसानों को भी बोनस बांटना पड़ेगा, जिन्होंने धान उपजाया, लेकिन धान बेचा नहीं।
ये तो हुई पहली बात। दूसरी बात ये है कि तय ये भी नहीं है कि बोनस में मापदंड 15 क्विंटल प्रति एकड़ का होगा या कुल उत्पादन का। लिहाजा इससे भी सरकार की मुश्किलें बढ़ जायेगी। क्योंकि सरगुजा बस्तर के इलाकों में तो ज्यादा उत्पादन नहीं होता.. लेकिन दुर्ग.. बिलासपुर और रायपुर संभाग में धान का बंपर उत्पादन होता है..। प्रति क्विंटल यहां आंकड़ा 20 से 25 क्विंटल प्रति एकड़ तक हो जाता है ऐसे में ये भी सरकार की मुश्किलें ला सकती है। फिलहाल कांग्रेस के उठाये सवाल के बाद सरकार क्या अपने आदेश में संशोधन करती है। क्योंकि अगर संशोधन हुआ तो कांग्रेस को बैठे बिठाये वादाखिलाफी का मुद्दा मिल जायेगा और संशोधन नहीं हुआ तो किसानों की बल्ले-बल्ले हो जायेगी।