उत्तर प्रदेश के औरैया में कैफियत एक्सप्रेस के हादसे के बाद रेल मंत्री सुरैश प्रभु ने दुर्घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पीएम मोदी से इस्तीफे की पेशकश की. हालांकि, पीएम ने उन्हें रोक लिया.
सुरेश प्रभु ने ट्वीट में कहा कि वह पीएम मोदी से मिले थे और उन्होंने पूरी नैतिक जिम्मेदारी ली लेकिन पीएम ने उन्हें अभी इंतजार करने के लिए कहा. रेल मंत्री ने आज ट्वीटर के जरिए ये बातें कहीं. उन्होंने ट्वीट में कहा, 'एक मंत्री के तौर पर तीन सालों में, मैंने रेलवे की बेहतरी के लिए अपना खून और पसीना बहाया है. पीएम के नेतृत्व में सभी क्षेत्रों में 2 दशकों की उपेक्षाओं को प्रणालीगत सुधारों के जरिए दूर करने की कोशिश की. जिसके कारण दो अभूतपूर्व निवेश हुए और मील के पत्थर बने.'
प्रभु ने ट्वीट किया, 'प्रधानमंत्री द्वारा परिकल्पना किया गया भारत एक कुशल और आधुनिक रेलवे का हकदार है. मैं वादा करता हूं कि यही रास्ता है जिस पर अब अग्रसर हैं.' उन्होंने कहा कि मैं इन दुर्भाग्यपूर्व हादसों, यात्रियों की आई चोटें और कीमती जिंदगीय के नुकसान से बहुत ज्यादा दुखी हूं. इससे मुझे गहन परेशानी हुई है.
सुरेश प्रभु ने बताया, 'मैं माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिला था पूरी नैतिक जिम्मेदारी ली. पीएम ने मुझे इंतजार करने के लिए कहा.' बता दें कि कुछ दिनों पहले मुजफ्फरनगर में उत्कल एक्सप्रेस के डिब्बे भी पटरी से उतर गए थे. अब कैफियत एक्सप्रेस का हादसा मंगलवार रात करीब 2:40 बजे हुआ. रेल आजमगढ़ से दिल्ली जा रही थी.
ट्रैक पर खड़े एक डंपर से रेल के टकराने को हादसे की वजह बताया जा रहा है. इस हादसे में अभी तक करीब 78 लोगों के घायल होने की खबर है.