नई दिल्ली . AIADMK के दो धड़ों के विलय का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के विकास के लिए केंद्र सरकारमुख्यमंत्री ई पलानीसामी और उप-मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम को पूरा समर्थन देगी। मोदी ने ट्वीट कर कहा, 'मैं ओ पन्नीरसेल्वम और शपथ लेनेवालेअन्य लोगों को बधाई देता हूं। मुझे उम्मीद है कि आनेवाले सालों में तमिलनाडु विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचेगा।' दरअसल माना जा रहा है किAIADMK विलय में पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने अहम भूमिका निभाई है, क्योंकि पार्टी राज्य में अपना आधार मजबूत करना चाहतीहै। इस बात की संभावनाएं जताई जा रही हैं कि नीतीश कुमार की JDU के बाद अब AIADMK भी केंद्र के NDA गठबंधन में शामिल हो सकती है। इसकेचलते केंद्रीय कैबिनेट का विस्तार हो सकता है। अनुमान है कि बीजेपी इस मौके का इस्तेमाल वीके शशिकला के प्रति सहानुभूति रखनेवालों और अलग-थलग कर दिए गए सदस्यों के साथ चुनाव से पहले गठबंधन बनाने में करेगी।

संसद में ADMK के 50 सदस्य हैं। इनमें 37 लोकसभा और 13 राज्यसभा के सदस्य हैं। इनका होना NDA के लिए फायदेमंद होगा। भ्रष्टाचार के मामलेमें दोषी शशिकला के जेल जाने के बाद बीजेपी ने ADMK की एकता के प्रयास के तहत तमिलनाडु की राजनीति में रुचि लेना शुरू कर दिया था। AIADMKकी कमजोरी का फायदा DMK को हो सकता था और कांग्रेस को मदद मिलती दिख रही थी। लेकिन बीजेपी ने AIADMK के दोनों अलग धड़ों को मिलानेमें कोई कसर नहीं छोड़ी। पीएम मोदी ने खुद पन्नीरसेल्वम और पलानीसामी से अलग से कई दौर की मुलाकातें कीं। दोनों नेताओं को उप-राष्ट्रपति एमवेंकैया नायडू के शपथ समारोह में आमंत्रित किया गया। साफ है कि बीजेपी दोनों गुटों को संतुष्ट करना चाहती थी।

 

तमिलनाडु की पूर्व मुख्मंत्री जयललिता की मौत के बाद शशिकला AIADMK की महासचिव बनीं। परिणामस्वरूप, बीजेपी दूर हो गई। उसके सदस्य किसीऐसे व्यक्ति के साथ जाने के लिए तैयार नहीं थे जो गंभीर आरोपों का सामना कर रहा हो। शशिकला के अपने भतीजे टीटीवी दिनाकरन को पार्टी में लाने केफैसले से बीजेपी नेतृत्व की चिंता बढ़ गई थी। लेकिन बाद में पैसे के दुरुपयोग के मामले में दिनाकरन के गिरफ्तार होने के बाद बीजेपी के लिए अलग हुएदोनों गुटों को मिलाना आसान हो गया।