
मुंबई . टीम इंडिया के कोच रवि शास्त्री ने वर्ल्ड कप 2019 को लेकर अपनी सोच स्पष्ट कर दी है। हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में उन्होंने साफ कर दिया है कि सिर्फ फिट खिलाड़ी जो फील्डिंग में भी सर्वश्रेष्ठ दे सकते हैं, उन्हें ही आगे ले जाया जा सकता है। श्री लंका को 3-0 से हराकर सीरीज पर कब्जा जमाने के बारे में उन्होंने कहा कि टीम इंडिया इस वक्त सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में है।
शास्त्री ने कहा, 'जब हम 2019 वर्ल्ड कप के बारे में सोचते हैं तो मेरा स्पष्ट मानना है कि हम वर्ल्ड कप में जब टीम के साथ उतरें तो वह टीम फील्डिंग के लिहाज से भी बेस्ट हो। साफ है कि फील्ड पर जो खिलाड़ी सबसे अधिक फिट होंगे उन्हें ही आगे जाने का मौका दिया जाएगा। मौजूद विकल्पों में से जो अपनी फिटनेस साबित कर सकेंगे, वही आगे जाने के हकदार हैं। यह स्पष्ट है और इसमें कोई शक नहीं है।'
श्री लंका पर 3-0 से जीत पर टीम इंडिया के कोच ने कहा कि खेल में हार और जीत दोनों ही होते हैं। उन्होंने कहा, 'मैंने खिलाड़ियों से साफ कहा है कि जब हम मैदान से बाहर जाएं तो हमारे सिर गर्व से उठे होने चाहिए। अगर सीरीज में हम 1 टेस्ट हार भी जाते तो इससे फर्क नहीं पड़ता क्योंकि हमने अच्छी क्रिकेट खेली। अगर हम अपना नजरिया बड़ा करें तो स्कोरकार्ड से आगे भी बहुत कुछ है जो इस गेम के बाद हम लेकर जा सकते हैं। मैच में हमने 2 कैच टपकाए और दूसरे टेस्ट में हार्दिक ने 2 नो बॉल की और शमी ने तीसरे टेस्ट में1 नो बॉल की। ये सभी कुछ ऐसी बातें हैं जिन पर हमें भविष्य में मिलकर काम करना है।'
टीम की गेंदबाजी से संतुष्ट शास्त्री ने इसका क्रेडिट बोलिंग कोच भरत अरुण को दिया। उन्होंने कहा कि टीम के खिलाड़ी भरत से परिचित हैं और इस वजह से अच्छा तालमेल बन सका। वहीं, उन्होंने अपनी कोचिंग स्टाइल पर भी कहा कि इस वक्त टीम में पूरी तरह से पारदर्शी माहौल है। खिलाड़ियों के बीच आपसी संवाद काफी अच्छा है।
कोच कुंबले और कोहली विवाद के बाद रवि शास्त्री की नियुक्ति हुई। उन्होंने विवाद पर कुछ न कहते हुए फिर से कहा कि यह पूरी तरह से विराट कोहली की टीम है। शास्त्री ने कहा, 'टीम हमेशा कैप्टन की होती है। मेरा क्रिकेट की दुनिया से 35 साल का नाता है और मैंने खिलाड़ी, कप्तान, कोच हर रूप में अपना 100 फीसदी देने की कोशिश की है। मैं पहले भी कहता रहा हूं कि टीम हमेशा कैप्टन की होती है क्योंकि वही आगे से लीड करते हैं। कोच का काम बैकग्राउंड में रहने का ही होता है।