नेपाल में बहने वाली नदियों की वजह से पूर्वी उत्तर प्रदेश में बाढ़ का कहर जारी है. सैकड़ों लोग अपना घरबार छोड़कर पलायन को मजबूर हैं. वहीं बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया.
मुख्यमंत्री ने महाराजगंज, बलरामपुर, कुशीनगर, सीतापुर, लाकिम्पुर, बहराइच समेत अन्य बाढ़ प्रभावित जिले का सर्वेक्षण किया और वहां चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लिया. उन्होंने जिले के डीएम और मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि अस्पतालों में दवाओं की कमी नहीं होनी चाहिए. लोगों को जरुरत की सभी चीजें तुरंत मुहैया कराई जाए.
बता दें कि महाराजगंज में फफेन्दा नदी उफान पर है, जिसकी वजह से 60 से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में हैं. हजारों लोग घर छोड़कर रात बंधे पर गुजरने को मजबूर हैं. आलम तह है कि महाराजगंज-फफेन्दा रोड पूरी तरह से डूबा हुआ है जिसकी वजह से आवागमन भी बाधित है. बाढ़ की वजह से हजारों एकड़ फसल बर्बाद हो चुकी है.
वहीं बलरामपुर में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है. यहां भी राष्ट्रीय राजमार्ग बाढ़ के पानी में डूब गया है. 400 से ज्यादा गांव बाढ़ की वजह से प्रभावित है. यहां एनडीआरऍफ़ और एसएसबी की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी है.
कुशीनगर जनपद और बिहार सीमा पर नारायणी नदी में नेपाल में हो रही भारी बरसात के चलते पानी का डिस्चार्ज कल देर रात अचानक बढ़ गया. इस बंधे के टूटने से लगभग डेढ़ दर्जन गांवों के हजारों घरों में पानी भर गया है. प्रभावित गावों में हालात बद से बदतर हो गई है. वहीं गांव के लोग अपना घर का सामान सर पर लेकर दूसरे जगह पलायन कर रहे हैं.
बता दें, कि बाढ़ की इस तबाही से कुशीनगर के छितौनी, नरकहवा, बुलहवा, टेंगरहा, बीडिगंज, जोकहिया, सालिकपुर, महदेवा सहित लगभग डेढ़ दर्जन गांव बुरी तरह प्रभावित हैं. हाईवे पर पानी भरने की वजह से सड़क पर छोटी सवारी गाड़ियों का आगमन पूरी तरह से ठप हो गया है. बात अगर बहराइच की करें तो अब तक बाढ़ की वजह से छह लोगों की मौत हो चुकी है. सीतापुर, कुशीनगर, सिद्धार्थनगर और लखीमपुर खीरी में भी बाढ़ का कहर जारी है. बाढ़ प्रभावित अपने दौरे के दौरान मुख्यमंत्री लोगों को रहत की सौगात भी देंगे. मुख्यमंत्री पीलीभीत का दौरा भी करेंगे. यहां वे बाघ के हमले में मारे गए चार किसानों के परिवारों को 5-5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता भी देंगे.