चेन्नै . जयललिता की मौत के बाद से तमिलनाडु की राजनीति में गतिरोध देखने को मिल रहे हैं। अब एआईएडीएमके का अम्मा धड़ा शशिकला के सहायक के तौर दिनकरन की नियुक्ति को पार्टी के नियमों के खिलाफ बता रहा है और ये खबरें भी आ रही हैं कि पार्टी के दोनों धड़े एक हो सकते हैं। तमिलनाडु के मंत्री डी जयकुमार ने दोनो धड़ों के एक साथ होने की बात पर पूरा विश्वास जताते हुए कहा है कि हम उम्मीद करते हैं कि ऐसा होगा। बता दें कि जे जयललिता की मौत के बाद यह उस वक्त गतिरोध पैदा हो गया जब ओ. पन्नीरसेल्वम को मुख्यमंत्री बनाया गया और शशिकला ने उनसे जबरन इस्तीफा लेकर पलनीसामी को मुख्यमंत्री की कुर्सी दे दी।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पलनीसामी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में पारित प्रस्ताव में कहा गया कि शशिकला के सहायक के तौर पर दिनकरन की नियुक्ति पार्टी के उप नियमों के खिलाफ है और पार्टी महासचिव पद पर शशिकला की नियुक्ति नया प्रमुख चुने जाने तक के लिए थी। अम्मा धड़े का यह भी आरोप है कि दिनकरन की हाल ही में की गई नियुक्तियां केवल पार्टी के पदों में भ्रांतियां पैदा करने के लिए हैं।
पार्टी मुख्यालय में हुई बैठक में कहा गया कि जयललिता ने दिसंबर 2011 में ही दिनकरन को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से हटा दिया था। ऐसे में 14 फरवरी को उन्हें पार्टी में वापस लिया जाना और उन्हें अगले ही दिन उप महासचिव का पद दिया जाना पार्टी के उप नियम(5) के खिलाफ है।
प्रस्ताव के मुताबिक, 'चूंकि दिनकरन 5 वर्षों तक पार्टी के प्राथमिक सदस्य नहीं थे, उप नियमों के मुताबिक वह किसी पद पर के हकदार नहीं हैं।' प्रस्ताव पर पलनीसामी समेत 27 सदस्यों के हस्ताक्षर के बाद बैठक में हुई बातों को मीडिया के सामने रखा गया। यह भी कहा गया कि 3 मार्च को दिनकरन के जवाब को चुनाव आयोग ने रिजेक्ट कर दिया था क्योंकि उनका नाम उस लिस्ट में नहीं था जिन्हें जयललिता ने नियुक्त किया था। प्रस्ताव के मुताबिक, 'चुनाव आयोग दिनकरम की नियुक्ति करने वाली महासचिव(शशिकला) की नियुक्ति की भी जांच कर रहा है। इसके खिलाफ जाते हुए दिनकरन ने 4 अगस्त को मनमाने ढंग से नियुक्तियां कीं।' पन्नीरसेल्वम धड़े का कहना है कि जयललिता ने जो नियुक्तियां की थीं, वे पार्टी और सरकार को अच्छी तरह चला रही थीं।