भारत और चीन के गतिरोध वाले इलाके डोकलाम के आसपास के गांवों को खाली करने का आदेश दिया है. सूत्रों के मुताबिक भारतीय सेना ने नाथनांग गांव में रह रहे कुछ सौ लोगों को को तुरंत घर छोड़ने के लिए कहा है. नाथनांग डोकलाम से 35 किमी दूरी पर है. इस कवायद को चीन के साथ तनातनी से जोड़कर देखा जा रहा है.
हालांकि, यह अभी साफ नहीं हो पाया है कि खाली करने का यह आदेश सुकना से डोकलाम की ओर बढ़ रहे 33 क्रॉप के जवानों के ठहरने के लिए है या भारत-चीन के बीच किसी मुठभेड़ की स्थिति में नागरिकों को हताहत होने से बचाने के लिए. नाथनांग में रहने लोगों के मुताबिक इस क्षेत्र में सैन्य गतिविधियों में काफी तेजी है. नाथनांग, डोकलाम के नजदीक एक छोटा सा गांव है जहां करीब कुछ सौ लोग रहते हैं.
सेना ने कहा वार्षिक अभ्यास
हालांकि, सेना अधिकारियों ने सैन्य गतिविधियों पर के बारे में बात नहीं की. कुछ वरिष्ठ सैना अधिकारियों ने कहा कि ये वार्षिक अभ्यास है जो सितंबर में होता था लेकिन इस साल पहले ही कर दिया गया. कुछ रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय सेना क्षेत्र में ट्रूप मूवमेंट को नियमित रखरखाव कदम बता रही है. सैन्य सूत्रों की तरफ से यही बयान आ रहे हैं कि सेना 'न युद्ध, न शांति' की स्थिति में है. सैन्य भाषा में इसका मतलब दुश्मन के साथ एक टकराव की स्थिति में होना है.
चीन की धमकियां
बता दें कि भारत और चीन के 50 से ज्यादा दिनों से डोकलाम में गतिरोध की स्थिति बनी हुई है. चीन के डोकलाम में सड़क बनाने और भूटान के उस पर आपत्ति जताने के बाद से भारत और चीन की सेनाएं आमने-सामने मौजूद हैं. इस घटना के बाद चीनी मीडिया कई बार युद्ध की धमकी दे चुका है. मंगलवार को चीन ने कश्मीर और उत्तराखंड के कालापानी में भी हस्तक्षेप की चेतावनी दी थी.
चीन की मीडिया की ओर से यह भी कहा गया कि युद्ध की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है. बता दें कि चीन ने भारत के उस सुझाव को भी खारिज कर दिया जिसमें भारत ने दोनों देशों की सेनाएं एक साथ पीछा हटाने की बात कही थी. चीन इस बात पर अड़ा है कि भारत पहले बिना शर्त डोकलाम से अपनी सेनाएं हटाए उसके बाद ही कोई बातचीत शुरू होगी. ऐसे में दोनों देशों की सेनाएं अपनी-अपनी जगहों पर बनी हुई हैं.