सरकारी खजाने को 100 करोड़ का नुकसान
नष्ट करने रातापानी अभ्यारण्य में फेंका जा रहा करोड़ों रुपए का सरकारी प्याज भोपाल-नागपुर राष्ट्रीय राजमार्ग 69 पर बने रातापानी अभ्यारण्य के वनक्षेत्र में फेंके गए प्याज की बदबू कई किलोमीटर दूर तक लोगों को परेशान कर रही है. प्रदेश में सड़ रहा हजारों टन प्याज अब आम लोगों के साथ वन्य प्राणियों के लिए भी मुसीबत बन गया है. सड़े प्याज को नष्ट करने के लिए उसे प्रदेश के सबसे बड़े रातापानी अभ्यारण्य में खुले में फेंक दिया गया है. जिससे यहां की हरियाली अब सड़े प्याज के बड़े और बदबूदार टीलों में तब्दील हो गई है.
भोपाल से लगे सीहोर जिले के रातापानी अभ्यारण्य में प्रशासन की बड़ी लापरवाही के चलते सड़े प्याज के ढेर लगे हुए हैं. करोड़ों रुपए खर्च कर खरीदे गए हजारों टन प्याज को नष्ट करने के लिए प्रशासन ने जो तरीका अपनाया है उससे वन्य प्राणियों के लिए भी खतरा उत्पन्न हो गया है. भोपाल-नागपुर राष्ट्रीय राजमार्ग 69 पर बने रातापानी अभ्यारण्य के वनक्षेत्र में फेंके गए प्याज की बदबू कई किलोमीटर दूर तक लोगों को परेशान कर रही है. सिर्फ इतना ही नहीं सड़ा हुआ प्याज पर्यावरण और वन्यप्राणियों के लिए भी बड़ा खतरा बन गया है. यही कारण है कि वन महकमे ने पूरे मामले को गंभीर मानते हुए जिला प्रशासन से इस बारे में जवाब-तलब किया है.
प्रदेश में पिछले साल भी सरकार ने एक लाख मीट्रिक टन प्याज लगभग सवा सौ करोड़ रुपए में खरीदा था. उस वक्त भी मंडियों में प्याज सड़ गया था. इसके चलते सरकारी खजाने को 100 करोड़ का नुकसान हुआ था. इस बार भी करीब साढ़े छह सौ करोड़ रुपए चुकाकर खरीदा गया प्याज एक बार फिर घाटे का सौदा साबित हुआ है.