पेइचिंग .  डोकलाम मुद्दे  पर चीन और भारत में जारी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार को एकबार फिर भारत को डोकलाम से सेना हटाने को लेकर चीन ने धमकी दी। चीन ने कहा है कि भारत सेना हटाए वरना…। चीन ने कड़े कदम उठाने की भी धमकी दी है।

भारत ने चीन द्वारा डोकलाम इलाके में सड़क बनाने का विरोध करते हुए इसपर नई दिल्ली की आपत्ति पेइचिंग से दर्ज करा दी थी। भारत ने कहा था कि इस निर्माण से यथास्थिति में बदलाव आएगा। डोभाल और येन के बीच हुई बातचीत के दौरान चीनी विदेश मंत्रालय ने भारत से चीन की क्षेत्रीय संप्रभुता का आदर करने का आग्रह किया था। चीन से नई दिल्ली से कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय कानून और अंतरराष्ट्रीय संबंधो के बेसिक नियम का पालन करते हुए डोकलाम से सेना वापस बुला ले। चीन पिछले डेढ़ महीने से लगभग हर रोज भारत को धमकी दे रहा है। चीन ने कहा है कि ऐसा होने के बाद ही मौजूदा विवाद हल होने की उम्मीद है। चीन ने डोकलाम से सेना नहीं हटाने पर कड़े कदम उठाने की भी धमकी दी है।

चीनी विदेश मंत्रालय ने भारतीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन के स्टेट काउंसलर येन जेइची के बीच 28 जुलाई को हुई बैठक के बारे में पीटीआई से जानकारी साझा की है। चीन ने बताया कि बैठक में दोनों अधिकारियों ने ब्रिक्स के बीच सहयोग, आपसी संबंधों और मौजूदा बड़ी समस्याओं पर चर्चा की। डोभाल पिछले महीने ब्रिक्स एनएसए की बैठक में हिस्सा लेने के लिए चीन में थे। डोभाल और येन दोनों देशों के बीच सीमा विवाद पर बात करने के लिए विशेष प्रतिनिधि भी हैं। 

इस बैठक में डोकलाम मुद्दे पर भी बातचीत हुई। येन ने इस मसले पर चीन के कड़े रुख से भारत को अवगत कराया। भारत ने डोकला में चीनी सैनिकों द्वारा बनाए जा रहे सड़क का विरोध किया था। भारत ने इसे अपनी रणनीतिक सुरक्षा के लिहाज से खतरा बताया था। उधर, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने डोकलाम मसले पर भारत का रुख स्पष्ट कर दिया था। उन्होंने पिछले महीने कहा था कि दोनों पक्षों को पहले डोकलाम से सेना हटाना चाहिए तभी कोई बातचीत हो सकती है। सुषमा ने सीमा विवाद का शांतिपूर्ण निपटारे का भी आह्वान किया था। 

चीन ने 16 जून को शुरू हुए इस विवाद पर 15 पेज का एक फैक्ट शीट भी पोस्ट किया था। फैक्ट शीट में कहा गया है कि 18 जून को करीब 270 भारतीय सैनिक 100 मीटर अंदर चीन की सीमा में घुसे और चीन द्वारा बनाए जा रहे सड़क निर्माण को रोक दिया। एक समय करीब 400 लोग चीन की सीमा के 180 मीटर अंदर मौजूद थे। फैक्ट शीट में कहा गया है कि जुलाई के अंत तक करीब 40 भारतीय सैनिक और एक बुलडोजर इस इलाके में अभी भी मौजूद हैं। डोकला में सड़क बनाने का भूटान ने भी विरोध किया था भूटान ने इसे अपना क्षेत्र बताते हुए चीन पर यथास्थितिवाद का उल्लंघन का आरोप लगाया। बता दें कि चीन और भारत की 3,488 किलोमीटर लंबी सीमा में से करीब 220 किलोमीटर सीमा सिक्किम से होकर गुजरती है। 

फैक्ट शीट में कहा गया है कि कोई भी संप्रभु राष्ट्र इस तरह की हरकत को बर्दाश्त नहीं कर सकता है। फैक्ट शीट में कहा गया है, 'चीन और भूटान का सीमा विवाद हम दोनों देशों के बीच था और इसमें भारत का कुछ लेना-देना नहीं है। तीसरे पक्ष के तौर पर भारत को इस मसले में दखल देने का कोई हक नहीं है।'

फैक्ट शीट में चेतावनी देते हुए कहा गया है, 'किसी भी देश को चीन को कम आंकने की भूल नहीं करनी चाहिए। चीन अपनी हितों की रक्षा के लिए सुरक्षात्मक कदम उठा सकता है। भारत को डोकलाम से तुरंत और बिना शर्त अपने सैनिक हटा लेने चाहिए।'