चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने आज कहा कि चीन अपनी संप्रभुता और सुरक्षा से कभी समझौता नहीं करेगा और उसकी सेना हर हमले को विफल करनेके लिए आश्वस्त है. शी ने 23 लाख जवानों वाली पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की 90वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित विशेष आयोजन में अपनेसंबोधन में कहा, ‘‘हम किसी भी व्यक्ति, संगठन या राजनीतिक दल को चीन के किसी भी हिस्से को देश से कभी भी, किसी भी रूप में अलग करने कीइजाजत नहीं देंगे.’’ शी की यह टिप्पणी ऐसे समय पर आई है, जब चीन और भारत के बीच सिक्किम सेक्टर में गतिरोध चल रहा है.
शी ने कहा, ‘‘चीनी जनता शांतिप्रेमी है. हम कभी आक्रामकता दिखाने या अपने क्षेत्र का विस्तार करने की कोशिश नहीं करते लेकिन हमें यह यकीन है किहम हर किस्म के हमले को विफल कर सकते हैं.’’ ग्रेट हॉल ऑफ द पीपल में आयोजित समारोह में उन्होंने कहा, ‘‘किसी को भी हमसे यह उम्मीद नहींकरनी चाहिए कि हम अपनी संप्रभुता, सुरक्षा और विकास संबंधी हितों के लिए नुकसानदायक कड़वे फल को निगल जाएंगे.’’ इस अवसर पर प्रधानमंत्री लीक्विंग, सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के अन्य शीर्ष नेता और सैन्य अधिकारी मौजूद थे.
तीन दिन में यह दूसरी बार है, जब शी ने हमलों को विफल करने की पीएलए की क्षमताओं की बात की है. इससे पहले 30 जुलाई को एक बड़ी परेड केदौरान शी ने कहा था, ‘‘मेरा मानना है कि हमारी बहादुर सेना में सभी हमलावर दुश्मनों को हराने का यकीन एवं योग्यता है.’’ शी के पूर्व के ही संबोधन कीतरह उनके इस संबोधन में भी भारत और चीन के बीच सिक्किम सेक्शन के डोकलाम में चल रहे सैन्य गतिरोध का कोई जिक्र नहीं था.
उनकी यह टिप्पणी एक ऐसे समय पर आई है, जब यहां विदेश और रक्षा मंत्रालय आधिकारिक तौर पर बड़े मीडिया अभियान चलाकर आरोप लगा रहे हैंकि भारतीय सैनिकों ने डोकलाम में चीनी क्षेत्र में घुसपैठ की है. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने पिछले माह ब्रिक्स देशों के राष्ट्रीय सुरक्षासलाहकारों की बैठक के दौरान अपने चीनी समकक्ष यांग जीची के साथ अलग से वार्ता की थी. दोनों ही देशों ने इन वार्ताओं के नतीजे पर चुप्पी साध हुईहै.