लखनऊ : बीजेपी सांसद योगी आदित्यनाथ तथा लखनऊ पूर्वी सीट के उपचुनाव में पार्टी प्रत्याशी आशुतोष टंडन गोपालजी समेत अनेक लोगों के खिलाफ अनुमति के बगैर रैली आयोजित कर आचार संहिता का उल्लंघन करने का मुकदमा दर्ज किया गया है। रैली में शामिल बीजेपी नेता लालजी टंडन, जगदंबिका पाल, लल्लू सिंह, प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है। इन लोगों पर धारा 144 तोड़ने और चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप है। जिले के डीएम ने मुंशी पुलिया में बिना इजाजत के की गई रैली का वीडियो फुटेज और मामले की बाकी जानकारियां चुनाव आयोग को भेजा है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रवीण कुमार ने बताया कि अनुमति नहीं होने के बावजूद रैली आयोजित करके आचार संहिता का उल्लंघन करने के आरोप में आदित्यनाथ तथा टंडन समेत उन सभी लोगों के खिलाफ कल देर रात गाजीपुर थाने में थाना प्रभारी की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया, जो रैली में मौजूद थे।

उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग ने इस रैली के सिलसिले में रिपोर्ट मांगी थी जो भेज दी गयी है। इस रैली की वीडियोग्राफी की सीडी भी आयोग को भेजी जा रही है। ज्ञातव्य है कि रैली के दौरान आदित्यनाथ और आशुतोष टंडन के अलावा भाजपा सांसद जगदंबिका पाल, लल्लू सिंह तथा पूर्व सांसद लालजी टंडन ने भी शिरकत की थी।

उन्होंने बताया कि बुधवार को कार्यक्रम से तीन-चार घंटे पहले ही मानसिंह ने रैली के लिये फिर से अनुमति मांगी। इस पर उनसे कहा गया कि चूंकि चुनाव आयोग ने आदित्यनाथ को नोटिस भेज रखा है और ऐन वक्त पर अनुमति मांगी जा रही है लिहाजा इजाजत दे पाना संभव नहीं है।

गौरतलब है कि अपने तल्ख बयानों के लिये पहचाने जाने वाले भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ ने कल प्रशासन की इजाजत के बगैर लखनऊ के मुंशी पुलिया इलाके में पार्टी प्रत्याशी आशुतोष टंडन के समर्थन में आयोजित जनसभा को संबोधित किया था। आदित्यनाथ ने रैली की इजाजत वापस लिय जाने को सरकार के दबाव में किया गया काम करार देते हुए इसे तानाशाहीपूर्ण तथा अलोकतांत्रिक करार दिया था।

इस बीच, भाजपा प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि उनकी पार्टी जिला प्रशासन द्वारा की गयी कार्रवाई का कानून के हिसाब से जवाब देगी। उन्होंने कहा कि हमें संवैधानिक इकाइयों पर पूरा भरोसा है। पार्टी ने कुछ भी गलत नहीं किया। आदित्यनाथ तो वहां पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात करने गये थे। पाठक ने आरोप लगाया कि शुरू में इजाजत देने के बाद जिला प्रशासन ने ऐन वक्त पर अनुमति वापस ले ली। चूंकि हमने पहले से ही जनसभा के बारे में प्रचार कर दिया था, इसलिए वहां नेताओं का पहुंचना लाजमी था। इसके अलावा ना तो वहां संबोधन का कोई इन्तजाम किया गया था और ना ही मंच बनाया गया था।

उधर, लखनऊ पुलिस ने कहा कि सांसद योगी आदित्यनाथ ने बिना अनुमति के रैली में हिस्सा लिया। इस मामले की जांच कराकर समुचित कार्रवाई की जाएगी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रवीण कुमार ने बताया कि पहले जिला प्रशासन ने आयोजकों की अर्जी पर आदित्यनाथ की रैली को अनुमति दे दी थी। लेकिन बाद में आयोजकों ने ही कार्यक्रम रद्द होने की सूचना दी थी। ऐसे में प्रशासन की अनुमति स्वत: निरस्त हो गई। कुमार ने कहा कि इसके बाद बुधवार दोपहर बाद फिर भाजपा ने अचानक जिला प्रशासन से रैली की अनुमति मांगी। आयोजकों से कहा गया कि चूंकि आदित्यनाथ को चुनाव आयोग ने नोटिस भेजा है। साथ ही आनन-फानन में रैली को इजाजत देना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि बिना इजाजत के रैली आयोजित किए जाने की जांच कराकर समुचित कार्रवाई की जाएगी।