ढाका: बांग्‍लादेश के कट्टरपंथी जमात-ए-इस्लामी प्रमुख और 1971 के युद्ध अपराधों के अभियुक्त मोतिउर रहमान निजामी के मृत्युदंड की पुष्टि करते हुए सुप्रीम कोर्ट की ओर से पूर्ण आदेश जारी किये जाने के बाद निजामी को उपनगरीय जेल से ढाका सेन्ट्रल जेल भेज दिया गया है जिसके साथ ही उसकी फांसी की सजा की तामील पर उल्टी गिनती शुरू हो गयी है।

सुप्रीम कोर्ट के एक प्रवक्ता ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘प्रधान न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार सिन्हा और पीठ के तीन अन्य न्यायाधीशों ने उसकी (निजामी की) पुनर्विचार याचिका ठुकराने वाले फैसले पर हस्ताक्षर कर दिए, हमने फैसले की पूरी प्रति जारी की है।’’ उन्होंने कहा कि अंतिम फैसला बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी-बीडी) को भेजा गया है जिसने मृत्युदंड सुनाया था। निचली अदालत ने दस्तावेजों को संबंधित कार्रवाई के लिए ढाका के जिला मजिस्ट्रेट और जेल विभाग को भेजा।

73 वर्षीय दोषी को उपनगरीय जेल से केंद्रीय जेल भेजे जाने के कुछ घंटे बाद पूर्ण आदेश जारी किया गया जिसका संकेत है कि जल्द ही उसे फांसी दी जाएगी।

बहरहाल, केंद्रीय जेल के आसपास कड़ी चौकसी के लिए अपराध रोधी रैपिड एक्शन बटालियन (आरएबी) बल पहुंच गया है जहां अधिकारियों ने कहा कि उसको लटकाए जाने के लिए फंदा तैयार है।

गृह मंत्री असदुज्जमां कमाल ने बताया, ‘‘मैं आपको यह नहीं बता सकता कि फांसी कब दी जाएगी लेकिन मैं यह कहना चाहता हूं कि सभी कानूनी प्रक्रियाओं के पूरा होने के बाद फैसला लिया जाएगा।’’ पाकिस्तान के खिलाफ 1971 में हुए मुक्ति संग्राम के दौरान युद्ध अपराधों के लिए मिली मौत की सजा पर निजामी की अंतिम अपील को उच्चतम न्यायालय ने पांच मई को खारिज कर दिया था।

उसे काशिमपुर सेन्ट्रल जेल से एक विशेष कैदी वैन से राजधानी लाया गया। इस दौरान सुरक्षा के लिए भारी संख्या में पुलिस बल वाहनों में साथ चल रहे थे।

निजामी पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के कैबिनेट में मंत्री रह चुका है। वह 2010 से जेल में है। उसे अक्टूबर 2014 में मौत की सजा सुनाई गई थी।