नई दिल्ली : अफगानिस्तान में राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों की उत्सुकता से हो रही प्रतीक्षा के बीच विदेश मंत्री सुषमा स्वराज सामरिक रूप से महत्वपूर्ण इस मित्र राष्ट्र का बुधवार को दौरा करेंगी। उनके दौरे का मकसद संबंधों को मजबूती देना तथा समस्याओं से घिरे इस देश में भारत द्वारा क्रियान्वित की जा रही मुख्य परियोजनाओं की समीक्षा करना है।

विदेश मंत्री के रूप में पहली बार वहां जा रही सुषमा कई महत्वपूर्ण द्विपक्षीय एवं क्षेत्रीय मुद्दों पर अफगान राष्ट्रपति हामिद करजई से बातचीत करेंगी। इसमें भारत द्वारा रक्षा एवं सुरक्षा सहायता बढ़ाये जाने का मुद्दा भी शामिल हो सकता है।

अफगानिस्तान भारत पर इस बात के लिए जोर डाल रहा है कि नाटो बलों की वापसी नजदीक आने के कारण उसे सैन्य उपकरणों की आपूर्ति की जाये। करजई पहले ही भारत को वांछित वस्तुओं की सूची सौंप चुके हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या राजग सरकार अफगानिस्तान के बारे में नीति की समीक्षा करेगी, सुषमा ने कहा कि इसमें बदलाव का कोई सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने दावा किया कि भारत पुनर्निर्माण में उस देश की मदद जारी रखेगा। अफगानिस्तान के साथ भारत के संबंध जारी करने की प्रतिबद्धता जताते हुए सुषमा ने कहा कि उस देश का जो भी राष्ट्रपति बनेगा, भारत उसको सहयोग देना जारी रखेगा।

उन्होंने कहा कि हमने चुनाव में किसी को भी अपना पसंदीदा घोषित नहीं किया है। चाहे वह अब्दुल्ला अब्दुल्ला हो या अशरफ गनी, जो भी राष्ट्रपति बनेगा हम उसके साथ काम करेंगे।