लखनऊ। यूपी-नेपाल के रासायनिक खाद के तस्करों पर अंकुश नहीं लगने पर केंद्र सरकार ने यूपी को आगाह किया है। इसके बाद डीजीपी एएल बनर्जी ने मातहतों को तस्करी पर अंकुश लगाने की हिदायत दी और सभी जिला, रेंज और जोन को निर्देश भेजे हैं। उन्होंने प्रभावी कार्रवाई की अपेक्षा की है। यहां से यूरिया, डीएपी और सुपर खाद की तस्करी होती है। इससे यूपी खाद की किल्लत है और नेपाल की फसलें लहलहा रही हैं।
इसका प्रमुख कारण लोकल ट्रेन, साइकिल, नाव और दुपहिया-चौपहिया वाहन यूपी के करीब आधा दर्जन जिलों से जुड़ी नेपाल सीमा पर गमनागमन और तस्करी के लिए मुफीद हैं। दरअसल, कुछ वषरें में अंतरराष्ट्रीय बाजार में रासायनिक खादों के मूल्य में काफी वृद्धि हुई है और अनुदानित मूल्य कम होने के कारण यह तस्करी बढ़ी है। सरकार के अनुदान के कारण रासायनिक खाद के खुदरा मूल्य व अंतरराष्ट्रीय मूल्य में काफी अंतर है। तस्कर इसी का फायदा उठा रहे हैं।
यूपी के सीमावर्ती जिलों से नेपाल में बड़े पैमाने पर तस्करी हो रही है। नेपाल सीमा से सटे यूपी के महराजगंज, सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती, बलरामपुर, बहराइच, खीरी और पीलीभीत आदि जिलों से नो मेंस लैंड के खुले रास्तों से तस्करी की शिकायत है।
सीमावर्ती इलाकों में लोकल ट्रेन, नदियों में नाव और खुली सीमा पर साइकिल के जरिए खाद की तस्करी हो रही है। यूरिया भारत में तीन सौ रुपये प्रति बोरी है जो नेपाल में पांच से छह सौ रुपया प्रति बोरी बिकती है।
केंद्र सरकार की खाद सब्सिडी जा रही यूपी से नेपाल
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