मुंबई: महाराष्ट्र के विधानसभा में आज -भारत माता की जय- के नारे को ले कर सदन की कार्यवाही कई बार बाधित हुई। कई विपक्षी सदस्य अध्यक्ष के आसन के समीप पहुंच गए और जितेंद्र अव्हाड, हसन मुश्रिफ एवं अन्य सदस्यों ने राष्ट्रीय झंडा लहराना शुरू कर दिया। अध्यक्ष के पैनल के सदस्य योगेश सागर ने, जो सदन की अध्यक्षता कर रहे थे, आज सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित की। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के स्पष्टीकरण देने के बाद सदन की कार्यवाही सामान्य हुई। फडणवीस ने सदन के सदस्यों से कहा कि चाहे उनकी सीट रहे या नहीं लेकिन वह किसी को भारत माता की जय बोलने के लिए नहीं रोकेंगे।

फडणवीस ने कल नासिक में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में कहा था कि जो लोग भारत माता की जय नहीं बोलते, उन्हें भारत में रहने का हक नहीं होना चाहिए लेकिन आज सदन में विपक्षी सदस्यों ने शोरगुल करना शुरू कर दिया तब उन्होंने आज सदन में बयान दिया कि भारत माता की जय बोलने वालों से वह नहीं रोकेंगे। नासिक में फडणवीस के बयान पर विपक्षी नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल ने स्थगन प्रस्ताव पेश कर मामले को उठाया।

पाटिल ने कहा कि मुख्यमंत्री के नासिक में दिए गए बयान और उसके बाद सदन में उनके स्पष्टीकरण से भ्रम हो रहा है और देश में जनता के एक वर्ग में डर फैल रहा है इसलिए फडणवीस को जनता से माफी मांगनी चाहिए।  इस मामले में जितेंद्र अव्हाड बोलना चाहते थे लेकिन अध्यक्ष ने उन्हें बोलने नहीं दिया। पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने जानना चाहा कि मुख्यमंत्री राज्य का मुखिया होने के नाते बोल रहे थे या फिर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भाषा बोल रहे थे। उन्होंने प्रश्न किया कि राज्य को मुख्यमंत्री चला रहे हैं या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ चला रहा है।

फडणवीस ने अपना पक्ष स्पष्ट करते हुए कहा कि जब वह माहिम के बाबा मकदूम शाह उर्स में 500 शीर्ष मुस्लिम मौलवियों के बैठक में भाग लिया तब तिरंगा फहराया और भारत माता की जय के नारे लगाए।  उन्होंने कहा कि जो लोग और पार्टियां इस मुद्दे को इतना उछाल रहे हैं, उनकी योजना है कि एक समाज के एक वर्ग के लोगों के दिमाग में यह बात डाली जाए।  मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत माता की जय धार्मिक नारा नहीं है इसलिए वह भारत माता की जय बोलने के लिए माफी क्यों मांगें।  

उन्होंने नेताओं को याद दिलाया कि देश की सीमा पर जवान, देश के सभी लोग इस नारे को लगा कर अभिमान महसूस करते हैं। उन्होंने पृथ्वीराज चव्हाण पर चुटकी लेते हुए कहा कि वह अपने शीर्ष नेता को खुश करने के लिए ऐसी बात कर रहे हैं।