श्रीनगर/जम्मू : जम्मू कश्मीर में बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसे लाखों लोगों को बचाने के लिए व्यापक अभियान मंगलवार को जारी रहा और वायुसेना के हेलीकॉप्टर और मालवाहक विमान जलमग्न इलाकों तक राहत कर्मियों और राहत सामग्रियों को पहुंचाने के लिए रातभर लगातार उड़ान भरते रहे।
राहत टीमें आज जलमग्न श्रीनगर और दक्षिण कश्मीर इलाके पर अपना ध्यान केंद्रित करेंगी। ऐसा माना जा रहा है कि इन जगहों पर करीब चार लाख लोग फंसे हैं। बाढ़ से राज्य में अब तक लगभग 200 लोगों के मरने की खबर है।
सेना और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की दो और इकाइयां विमान से उधमपुर के पंचेरी में पहुंचाई गई हैं जहां भूस्खलन के बाद 30 लोग लापता हैं। उप महानिरीक्षक गरीब दास ने बताया कि उधमपुर में अब तक सात शव और एक व्यक्ति के शरीर का हिस्सा बरामद हुआ है, लेकिन फंसे लोगों का पता लगाना काफी दुरूह कार्य है। अधिकारियों ने कहा कि शेष जम्मू क्षेत्र में स्थिति स्थिर हो गई है और अब जमीन पर राहत सामग्री प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि कश्मीर घाटी में सघन राहत एवं बचाव अभियान जारी है। वहां ज्यादा हेलीकॉप्टर, नौकाएं आदि काम में लगाई गई हैं। आईएल 76 और एएन 32 विमानों ने राहत कर्मियों, राहत सामग्री, नौकाएं और अन्य उपकरण तथा भारी मात्रा में दवाएं और पानी की बोतलें पहुंचाने के लिए रात में श्रीनगर के लिए 30 उड़ानें भरीं। राहत प्रयासों के बारे में सेना के लेफ्टिनेंट चेतन ने कहा कि हम प्रति नौका एक फेरी में करीब 10-15 लोगों को बचा रहे हैं। हर रोज हम 50-60 फेरी लगाते हैं। लोगों को बचाने के लिए हमारे पास सभी उपकरण हैं। हम हर एक को बचाने के बाद ही जाएंगे।
सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग ने दिल्ली में कल कहा था कि अंतिम व्यक्ति को सुरक्षित निकालने तक सैनिक अपनी बैरकों में नहीं जाएंगे। सैन्य चिकित्सा अधिकारी जगदीश सिंह ने कहा, ‘‘हमने चिकित्सा शिविर स्थापित किए हैं और हर रोज 230-300 लोगों का इलाज कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे पास एंबुलेंस और सर्जन हैं। जिला अस्पताल और एनजीओ भी हमारे साथ काम कर रहे हैं। सेना की उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग, लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा ने कल कहा था कि अब ध्यान श्रीनगर पर होगा। मूसलाधार बारिश के चलते आई बाढ़ से घाटी की संचार व्यवस्था शेष देश से टूट गई है।
अधिकारियों ने बताया कि भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) ने सेना और वायु सेना के साथ मिलकर सैटेलाइट नेटवर्क के जरिए मोबाइल सेवाओं को बहाल करने के लिए युद्धस्तर पर काम शुरू कर दिया है और दूरसंचार नेटवर्क के आज आंशिक रूप से बहाल हो जाने की उम्मीद है। विस्थापितों को राहत उपलब्ध कराने के लिए जम्मू में 68 शिविर लगाए गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि राजौरी, पुंछ, रियासी, माहोर, डोडा और किश्तवाड़ क्षेत्रों में राहत सामग्री पहुंचाने के लिए सात हेलीकॉप्टर लगाए गए हैं। केंद्र ने नौकाओं तथा अन्य राहत सामग्री के साथ एनडीआरएफ की और टीमें कश्मीर घाटी भेजी हैं। पहली बार नौसेना के कमांडो भी राहत कार्यों में लगाए गए हैं।
सेना, वायुसेना, एनडीआरएफ और राज्य की एजेंसियां अब तक 25 हजार लोगों को बचा चुकी हैं और उन्हें घाटी के उपरी स्थानों पर पहुंचा चुकी हैं। अपने घरों की छतों और उपरी मंजिलों पर फंसे लोगों को बचाने के लिए नौकाएं सेवा में लगाई गई हैं। इस बीच, रियासी जिले में माता वैष्णो देवी तीर्थयात्रा जारी है और कल से 25 हजार लोग दर्शन कर चुके हैं। दास ने कहा कि तीर्थस्थल के लिए हेलीकॉप्टर सेवा बहाल किए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल सुब्रत साहा ने कहा कि राहत अभियान रातभर चलता रहा और रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक 996 लोगों को बाहर निकाला गया। उन्होंने कहा कि मौसम की स्थिति में सुधार हो रहा है और दक्षिण कश्मीर में पानी का स्तर घटा है। सैन्य अधिकारी ने कहा कि मौसम साफ हो गया है और हेलीकॉप्टर अभियानों की तीव्रता बढ़ गई है। श्रीनगर में कुछ स्थानों पर पानी का स्तर 1.5 से लेकर 3 फुट तक कम हुआ है, लेकिन हम उत्तरी हिस्से में जलस्तर में वृद्धि देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि बरामुला में पानी का स्तर ज्यादा नहीं है और यह सिर्फ 3 फुट तक है। हम राज्य पुलिस और अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर एहतियाती कदम उठा रहे हैं। अधिकारी ने कहा कि श्रीनगर की स्थिति से उत्तरी तथा दक्षिणी, दो दिशाओं से निपटने की रणनीति है। उन्होंने कहा कि हमने रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक 996 लोगों को निकाला है। सेना ने शिविर स्थापित किए हैं जहां सुरक्षित निकाले गए लोगों को 12 से 24 घंटे तक रखा जाता है और उन्हें मूलभूत सुविधाएं दी जाती हैं। इसके बाद उन्हें राज्य सरकार द्वारा स्थापित शिविरों में भेज दिया जाता है।
उधर, जम्मू कश्मीर में बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) द्वारा सघन अभियान छेड़े जाने के साथ ही बल की दो टीमें आज 30 नौकाओं के साथ श्रीनगर पहुंच गईं। बल के मुखिया ओपी सिंह ने बताया कि तमिलनाडु के अर्राकोणम से विमान के जरिए 30 नौकाएं भेजी गईं जो आज श्रीनगर पहुंच गई हैं। जारी राहत अभियान में बल के 100 और कर्मी मदद करेंगे। जम्मू कश्मीर में बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की ओर से सघन अभियान छेड़ा गया है। इस समय एनडीआरएफ की 19 टीमें बचाव अभियान में जुटी हैं और इस काम में 148 रेस्क्यू बोट लगाए गए हैं।
जम्मू-कश्मीर में व्यापक राहत अभियान, लाखों लोग अब भी हैं फंसे
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