जबलपुर। भेड़ाघाट के धुआंधार जलप्रपात में एक महिला ने पहले अपने 7 साल के मासूम बेटे को उफनती नर्मदा नदी में फेंक दिया। इसके बाद खुद छलांग लगा दी। बेटा तो डूब गया लेकिन मां को बचाने के लिए वहां मौजूद महिलाओं ने अपनी साड़ी उतारकर रस्सी बनाई और महिला की जान बचा ली। तब तक वहां मौजूद पुलिस आरक्षक नारियल के बांस के सहारे महिला को थामे रहा। महिला को इलाज के लिए मेडिकल अस्पताल भिजवाया गया है।

महिला 90 क्वार्टर संजीवनी नगर निवासी आशा पति शिवकुमार उर्फ जय काछी (33 वर्ष) है। वह अपने दोनों बेटों शुभम (9) और छोटे बेटे सौरभ (7 वर्ष) को लेकर नर्मदा किनारे पहुंची थी। पुलिस को बेहोश आशा के कपड़ों से एक नोट भी मिला है। इसमें लिखा है कि मैं अपने पति और सास-ससुर की प्रताड़ना से तंग आ चुकी हूं, इसलिए अब मैं अपने बच्चों के आत्महत्या करने जा रही हूं।

हालांकि पुलिस अधिकृत तौर पर इस बारे में कुछ नहीं कह रही। शिवकुमार से जब पूछताछ की तो वह भी पत्नी की इस हरकत पर हैरानी जता रहा था। उसका कहना था कि पत्नी से सामान्य अनबन होती थी, लेकिन इसका अंदाजा नहीं था। श्ािवकुमार टाटा कमर्शियल में नौकरी करता है और पत्नी-बच्चों के साथ ही अलग रहता था।

बेहोश है महिला, फिर सामने आएगी सच्चाई

शिवकुमार ने बताया कि रोज की तरह उसने अपने बेटों शुभम और सौरभ को स्कूल छोड़ दिया था। वह भी ऑफिस चला गया। बच्चों के स्कूल में संपर्क करने पर पुलिस को जानकारी लगी कि आशा दोनों बेटों को लेकर गई थी। मौके पर मिले बच्चों के स्कूल बैग से पुलिस का भी ऐसा मानना है कि आशा दोनों बेटों को स्कूल से सीधे भेड़ाघाट ले गई थी। आशा ने इतना बड़ा कदम क्यों उठाया, इसकी सच्चाई सिर्फ आशा बता सकती है। लेकिन फिलहाल वो सदमे से बेहोश है।

आशा नामक महिला धुआंधार में कूदी थी, जिसे सकुशल बचा लिया गया है। ऐसी बात सामने आई है कि आशा ने अपने छोटे बेटे सौरभ को पहले धुआंधार से फेंका था। फिलहाल बच्चे की गुमशुदगी दर्ज करके उसकी तलाश चल रही है।

-संजय साहू, एएसपी ग्रामीण

हरिओम की फुर्ती ने बचा लिया महिला को

धुआंधार की रैलिंग के पास सैंकड़ों पर्यटकों के साथ ड्यूटी पर आरक्षक हरिओम भी मौजूद था। महिला के बच्चे को फेंकते ही लोग चीखने लगे। इसे सुनते ही हरिओम रैलिंग के दूसरी तरफ उतरा। इतने में महिला भी कूद गई। उसने तुरंत नारियल का लंबा बांस नदी में फेंक दिया।

जैसे ही महिला पानी के ऊपर आई घबराहट में उसने भी बांस को पकड़ लिया। ऊपर बांस के सहारे आरक्षक हरिओम और दो फोटोग्राफर महिला को थामे हुए थे, जबकि नीचे नदी में तैराक गुरू चट्टानों से पैर अड़ाकर महिला को संभाल रहा था।

इसी बीच पर्यटकों में शामिल दो महिलाओं ने अपनी साड़ियां उतारीं और उन्हें जोड़कर बड़ी रस्सी बनाई। तैराक गुरू ने महिला को उसमें बांध दिया और फिर खींचकर महिला को बाहर निकाल लिया गया। नदी से बाहर आते ही महिला बेहोश हो गई, जिसे तत्काल एम्बुलेंस 108 से मेडिकल अस्पताल भिजवाया गया।