श्रीनगर: श्रीनगर के बाहरी इलाके में 48 घंटे से चल रही मुठभेड़ सोमवार शाम समाप्त हो गयी जिसमें श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित एक सरकारी भवन में छिपे तीन हथियारबंद आतंकवादी मारे गए।

पम्पोर में घटना के बारे में पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, ‘मुठभेड़ खत्म हो गयी है और जो तीन आतंकवादी भवन के अंदर छिपे थे वे मारे गए हैं।’ अभियान की देखरेख कर रहे सेना के एक अधिकारी ने भी कहा कि इंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट (ईडीआई) के पांच मंजिला भवन में तीन आतंकवादी मारे गए और उनसे हथियार एवं गोला-बारूद जब्त किए गए हैं।

भवन की सघन जांच की जा रही है जिसमें 44 कमरे, शौचालय और ऊपरी तल पर एक रेस्तरां है।

शनिवार की शाम को आतंकवादियों के साथ शुरू हुई मुठभेड़ में पांच सुरक्षाकर्मी मारे गए जिसमें सेना के दो कैप्टेन थे। समझा जाता है कि ये आतंकवादी विदेशी मूल के हैं।

दोनों पक्षों के बीच हुई मुठभेड़ में एक नागरिक की भी मौत हो गई जबकि 120 नागरिकों को सुरक्षित निकाल लिया गया। अधिकारियों ने कहा कि अभियान के तीसरे दिन सोमवार को सेना के विशेष बल ने सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ा दी और आतंकवादियों को बाहर निकालने के लिए मोर्टार का प्रयोग किया। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि मुठभेड़ में भवन के ऊपरी तल में आग लग गई जिससे आतंकवादी परिसर के एक हिस्से में चले गए जहां उनको मार गिराया गया।

ऑपरेशन का जिम्मा संभाल रहे विक्टर फोर्स के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल अरविंद दत्ता ने कहा कि आतंकवादी विदेशी थे और संभवत: ‘‘आत्मघाती दस्ते’’ के थे। उन्होंने कहा कि मारे गए आतंकवादियों की अभी पहचान नहीं हो पाई है।

दिल्ली में सीआरपीएफ के महानिदेशक प्रकाश मिश्रा ने कहा कि ‘‘लगता है कि’’ हमला लश्कर ए तैयबा आतंकवादी संगठन का था।

मेजर जनरल दत्ता ने कहा कि लगता है कि भवन को निशाना बनाने के लिए पहले ही तय कर लिया गया था जहां वे सीआरपीएफ के काफिले पर हमला करने के बाद घुसे थे।

सेना के अधिकारी ने कहा, ‘‘उनके पास काफी संख्या में हथियार और गोला बारूद थे... वे बड़े थले के साथ भवन के अंदर दौड़ते देखे गए।’’ आतंकवादियों ने शनिवार की दोपहर को सीआरपीएफ के काफिले पर जब हमला किया तो सीआरपीएफ के दो जवान और एक नागरिक मारा गया और नौ जवान जख्मी हो गए।

सुरक्षा बलों ने रविवार को जब कार्रवाई शुरू की तो भवन के अंदर से आतंकवादियों ने भारी गोलीबारी की।

जीओसी ने कहा, ‘‘बड़े परिसर के अंदर छिपने के लिए आतंकवादियों के पास काफी अवसर थे... वे अनुकूल स्थिति में थे। वे हमारी गतिविधियों को देख सकने की स्थिति में थे।’’ उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ ने पहले भवन के अंदर घुसने का प्रयास किया लेकिन आतंकवादियों ने ग्रेनेड फेंके और उन पर गोलीबारी की जिससे वे पीछे हट गए। मेजर जनरल दत्ता ने कहा कि इसके बाद सेना ने मोर्चा संभाला। एक तरफ जहां मुठभेड़ चल रही थी वहीं पम्पोर शहर और आसपास के इलाके के सैकड़ों निवासी मुठभेड़ स्थल की तरफ मार्च करने का प्रयास करने लगे लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें तितर-बितर हो जाने को कहा। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि बहरहाल उन्होंने नारेबाजी शुरू कर दी और पथराव करने लगे। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों को भगाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और रबर की गोलियां चलाईं।

अधिकारी ने बताया कि झड़प में कम से कम तीन लोगों को मामूली जख्म आए। मुठभेड़ में सेना के तीन कमांडो मारे गए जिनमें दो कैप्टन और एक लांस नायक शामिल है।

कैप्टन पवन कुमार आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शनिवार को शहीद हो गए वहीं कैप्टन तुषार महाजन और लांस नायक ओम प्रकाश भी शनिवार दोपहर में शहीद हो गए थे।

रक्षा विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा कि सेना ने अपने शहीदों को पूरे सैन्य सम्मान के साथ श्रद्धांजलि दी।