नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी ने कहा है कि देशद्रोह का आरोप झेल रहे जेएनयू छात्रों को अगर लगता है कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया तो उन्हें सबूत देने होंगे। राजधानी दिल्ली के प्रतिष्ठित जवाहर लाल विश्वविद्यालय (जेएनयू) के उमर खालिद समेत उन पांच छात्रों को रविवार देर रात और फिर सोमवार की सुबह यूनिवर्सिटी कैंपस में देखा गया, जिन पर देशद्रोह के आरोप हैं। आरोपी छात्रों का कहना है कि वे आत्म समर्पण नहीं करेंगे और पुलिस उन्हें गिरफ्तार करे।
देशद्रोह के आरोपी जिन पांच छात्रों की पुलिस खोज कर रही है, उनके परिसर में दोबारा दिखाई देने के मुद्दे पर चर्चा के लिए जेएनयू प्रशासन ने विश्वविद्यालय के शीर्ष अधिकारियों की बैठक बुलाई है।
छात्रों के विश्वविद्यालय परिसर में मौजूद होने की खबरें मिलने के बाद से परिसर के बाहर कल रात से तैनात पुलिस अधिकारियों ने कहा कि वे बैठक के बाद कुलपति से बात करेंगे और उनसे कहंेगे कि वे छात्रों को आत्मसमर्पण करने के लिए कहें। जेएनयू के रजिस्ट्रार भूपेंद्र जुत्शी ने कहा कि उन्हें मीडिया में आई खबरों से पता चला है कि छात्र परिसर में मौजूद हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उनसे अभी तक छात्रों की ओर से कोई बात नहीं की गई है।
उन्होंने कहा, ‘‘आज सुबह हम बैठक कर रहे हैं, जिसमें इस मुद्दे पर चर्चा होगी और भविष्य की कार्रवाई पर फैसला किया जाएगा।’’ हालांकि जुत्शी ने इस बात का कोई जवाब नहीं दिया कि कोई कदम उठाने से पहले विश्वविद्यालय के अधिकारी इन पांच छात्रों से बात करेंगे या नहीं। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि वे इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि कुलपति छात्रों से आत्मसमर्पण करने के लिए कहें।
जेएनयू छात्र संघ की उपाध्यक्ष शहला राशिद शोरा ने कहा, ‘‘वे सभी यहां उस आंदोलन से जुड़ने के लिए हैं, जो कि विश्वविद्यालय को राष्ट्र-विरोधियों का गढ़ करार देने के खिलाफ है। उन्हें कोई समन नहीं जारी किया गया है इसलिए आत्मसमर्पण करने का सवाल ही नहीं उठता है। यदि पुलिस उन्हें गिरफ्तार करती है तो वे जांच में सहयोग करेंगे।’’ उमर खालिद समेत जेएनयू के पांच छात्र कल परिसर में सामने आए थे। उन्होंने कहा कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है बल्कि उन्हें एक ‘जाली वीडियो’ इस्तेमाल करके ‘फंसाया’ गया। इन छात्रों की पुलिस देशद्रोह के मामले में खोज कर रही है।
वहीं, जेएनयू के टीचर एसोसिएशन ने मांग की है कि सभी निलंबित छात्रों का निलंबन समाप्त किया जाना चाहिए। साथ ही इन लोगों ने जेएनयू की जांच समिति पर अपना अविश्वास जताया है।
इन छात्रों पर संसद हमले के दोषी अफजल गुरु के समर्थन में आयोजित एक कार्यक्रम में भारत विरोधी नारे लगाने के आरोप हैं। इन छात्रों ने कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया बल्कि ‘डॉक्टर्ड वीडियो’ का इस्तेमाल कर उन्हें फंसाया गया।
पुलिस ने उनके बारे में सूचना मिलने के बाद एक टीम कैंपस के बाहर पहुंच गई है। इन सभी आरोपी छात्रों को प्रशासनिक भवन के पास देखा गया है। उधर, पुलिस को कैंपस में प्रवेश की अनुमति का इंतजार है। बताया जा रहा है कि 8 बजे कुलपति पुलिस को इस संबंध में अनुमति देंगे।
ये आरोपी पांच छात्र हैं उमर खालिद, अनिर्बन भट्टाचार्य, रामा नागा, आशुतोष कुमार और अनंत प्रकाश, जो राजद्रोह के मामले में जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की 12 फरवरी को गिरफ्तारी के बाद से लापता हो गए थे।
जांच में मदद के लिए वापस आए
आशुतोष के अनुसार, ‘वे जांच में मदद के मद्देनजर वापस आए हैं। छात्रों और दुनियाभर से हमें जो अपार समर्थन मिला है उसने हमें ताकत दी है। मैं, रामा, अनिर्बन और अनंत आस-पास ही थे लेकिन भीड़ के पीट-पीटकर मारने पर उतारू होने के माहौल की वजह से हम सामने नहीं आए।’ हालांकि, उन्होंने कहा कि वे चारों उमर खालिद के संपर्क में नहीं थे और उससे उनकी कार्यक्रम के दिन 9 फरवरी को बातचीत हुई थी।
डॉक्टर्ड वीडियो के जरिए फंसाया गया
आशुतोष ने कहा कि छात्र दिल्ली में ही थे और रविवार की शाम को लौटने का फैसला व्यक्तिगत तौर पर किया गया, न कि सामूहिक तौर पर। उन्होंने कहा, ‘हमने कुछ भी गलत नहीं किया, बल्कि डॉक्टर्ड वीडियो का इस्तेमाल करके हमें फंसाया गया। हम अब कहीं नहीं जाएंगे और विश्वविद्यालय को राष्ट्रविरोधी के तौर पर पेश किए जाने के खिलाफ आंदोलन का हिस्सा बनेंगे।’
कैंपस में बैठक जारी
इस बीच, भावी रणनीति पर फैसला करने के लिए छात्र संगठन आइसा की कैंपस में बैठक चल रही है। विश्वविद्यालय के सूत्रों ने बताया कि कुछ अन्य छात्रों, जिनके बारे में पुलिस ने अधिकारियों से सूचना मांगी थी, वे भी कैंपस में दिखाई पड़े। इन छात्रों में रियाज और रूबीना शामिल हैं।
पुलिस ने कई शहरों में तलाशती रही
इस मामले के छह मुख्य आरोपियों में से उक्त पांचों गायब थे। जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया था जो कि फिलहाल जेल में है। उमर खालिद विवादित कार्यक्रम का मुख्य आयोजक बताया जा रहा है। छात्र उमर खालिद के परिवार ने कहा था कि माहौल ठीक रहने पड़ वह सरेंडर कर सकता है। पुलिस ने इन छात्रों की तलाश में महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों में दबिश दी थी।
जेएनयू मामले पर देश भर में बहस
कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी और उसकी पेशी के दौरान दो बार कोर्ट में वकीलों द्वारा मारपीट किए जाने के बाद पूरे देश में तीखी बहस छिड़ी हुई है। इस पूरे मुद्दे पर राजनीति भी शुरू हो गई है। विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि सरकार देशद्रोह के कानून का सहारा लेकर विरोध में उठने वाली आवाजों को कुचलना चाहती है।
शुक्रवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने कहा कि जेएनयू के छात्र नेता कन्हैया कुमार पर अदालत परिसर के भीतर हमला ‘संगठित और पूर्व नियोजित’ लगता है।
आरोपी छात्रों को अपनी बेगुनाही के सबूत देने होंगे : दिल्ली पुलिस प्रमुख बस्सी
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