भोपाल। दो माह में 14 लोगों को घायल करने वाला शरारती बंदर रविवार को पकड़ा गया। जाल में फंसने से पहले बंदर ने वन विभाग की उड़नदस्ता टीम को करीब 5 घंटे छकाया। उसने केले खाए, चने भी खाए और खूब मिन्नत भी कराई। बंदर को हलाली डेम के नजदीक जंगल में छोड़ा गया है।
नूरमहल के आसपास एक बंदर दो माह से सक्रिय था। वह लोगों के घर में घुसकर खाने का सामान उठा ले जाता। भगाने पर चांटा मार देता और पकड़ने की कोशिश करने वालों को काट लेता। वह अब तक 14 लोगों को घायल कर चुका है। रविवार दोपहर क्षेत्र के लोगों ने वन विभाग को बंदर होने की सूचना दी। उड़नदस्ता रेंजर आरके शुक्ला के नेतृत्व में टीम पहुंची। बंदर की घेराबंदी शुरू हुई, तो वह घरों की छत पर जा बैठा।
डंडे दिखाकर भगाने पर नीचे आया, तो यहां-वहां उछलकूद करता रहा। जब उसे पकड़ने की उम्मीद खत्म होने लगी, तो टीम ने चने और केलों का लालच देना शुरू किया। बंदर भी शातिर था, वह आधा किलो चने से भरी पॉलीथिन और केले उठा ले गया। उसे पकड़ने के लिए वनकर्मी तरह-तरह का लालच देते रहे, लेकिन वह हाथ नहीं आया।
आखिर एक तरफ जाल लगाया गया और दूसरी तरफ से डंडे दिखाकर भगाया गया। फिर भी वह जाल में न फंसकर एक घर में घुस गया। कमरे में फंसते ही वनकर्मियों ने उस पर जाल फेंक दिया और चार लोगों ने मिलकर उसे पकड़ा। रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान क्षेत्र में तमाशबीनों का हुजूम लग गया। वे चने, केले, जलेबी, मदर आदि बंदर को देते रहे और वह सभी खाता रहा।
डेढ़ दर्जन केले खाए, 5 घंटे मिन्नत कराई, तब पकड़ाया बंदर
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