भोपाल। व्यापमं घोटाले की छानबीन में जुटी सीबीआई को व्हिसिल ब्लोअर पूर्व विधायक पारस सकलेचा व प्रशांत पांडे ने मामले से जुड़े दस्तावेज उपलब्ध कराए। उन्होंने इंदौर पुलिस व एसटीएफ की भूमिका पर सवाल भी उठाए। सकलेचा ने शुक्रवार को एजेंसी के डीआईजी मनीष सिन्हा एवं एसपी विवेक प्रियदर्शी से मिलकर छह महीने पहले सौंपी अपनी शिकायत पर कार्रवाई न होने पर असंतोष भी जताया। पूर्व विधायक सकलेचा ने सीबीआई निदेशक को जुलाई में जो दस्तावेज सौंपे थे वे अब तक भोपाल के जांच अधिकारियों तक नहीं पहुंचे।

उन्होंने इस पर असंतोष और आश्चर्य जताया, क्योंकि जो मुद्दे उठाए गए थे उन पर कार्रवाई नहीं हो पाई। दोनों सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सीबीआई के जांच अफसरों को मामले से जुड़े दस्तावेज भी उपलब्ध कराए। इस दौरान सकलेचा को अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई फिलहाल कोई नया मामला दर्ज नहीं कर रही, 157 मामलों में छानबीन चल रही है। कुछ मामलों में एसटीएफ चालान पेश कर चुकी है। नए मामले हाईकोर्ट अथवा सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बाद ही दर्ज हो सकेंगे।

सकलेचा की आशंका

सकलेचा ने आशंका जताई कि इस तरह अनेक बड़े नामचीन बच जाएंगे जिन पर एसटीएफ ने भी प्रकरण दर्ज नहीं किए। इनमें रंजना चौधरी, सुधीर भदौरिया एवं एनएम श्रीवास्तव जैसे नाम हैं। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर वह सर्वोच्च न्यायाल में याचिका दायर करेंगे। एसटीएफ ने साजिश पूर्वक इन पर प्रकरण दर्ज नहीं किया। सकलेचा ने सीबीआई को 5 पत्र और 240 दस्तावेज सौंपे।

पुलिस-एसटीएफ पर सवाल

व्हिसिल ब्लोअर प्रशांत पांडे ने भी सीबीआई अफसरों से अनेक दौर की मुलाकात के दौरान हार्ड डिस्क से छेड़छाड़ के मुद्दे पर चर्चा की। इस संबंध में सीबीआई को हैदराबाद लेब से जांच रिपोर्ट मिल चुकी है। पांडे ने जांच अधिकारियों के समक्ष एसटीएफ एवं इंदौर पुलिस की कार्रवाई को लेकर आशंका भी जताई। उन्होंने बताया कि सीबीआई अब अगली कार्रवाई के लिए कोर्ट से अनुमति मांगेगी। पूर्व में मामले की जांच कर चुकी इंदौर पुलिस और एसटीएफ से पूछताछ का मामला भी इसमें शामिल है।