जबलपुर। कोई अपनों को आजकल 100 रुपए देने में कतराता है। लेकिन कुछ लोग परायों के लिए लाखों देने में जरा भी देर नहीं करते। कुछ ऐसा काम 82 वर्षीय सुप्रीम कोर्ट में सीनियर अधिवक्ता रह चुकीं सुशीला शुक्ला ने किया है। वे वृद्धाश्रम में आए दिन जाती हैं, लेकिन कभी खाली हाथ नहीं पहुंची। बिना किसी को बताए जब वृद्धाश्रम को अपने पति यानी पूर्व जस्टिस स्व.केएल शुक्ला की याद में एक लाख रुपए का चेक दिया तो आश्रम के संचालक भी हैरान रह गए।

क्योंकि इतनी बड़ी रकम कई सालों में कोई देने नहीं आया। मामले की जानकारी जब कलेक्टर शिवनारायण रूपला को मिली तो उन्होंने घर जाकर श्रीमती शुक्ला को सम्मान पत्र भेंट कर धन्यवाद दिया और उनके जरिए दी जा रही मदद से बेहतर सेवाएं देने का भरोसा दिलाया।

किसी को बताती नहीं है मां

इनकी पुत्री डॉ. नीरजा दुबे का कहना है कि मां कभी बताती नहीं कि वो कहां और कब किसकी मदद करेंगी। बस खामोशी से उस पीड़ित तक मदद पहुंचा देती हैं। उनकी मदद का सिलसिला लगातार जारी रहेगा। क्योंकि श्रीमती शुक्ला को आज भी घर बैठना पसंद नहीं है।