श्रीनगर : जम्मू कश्मीर में आई बाढ़ को ‘राष्ट्रीय स्तर की आपदा’ घोषित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को पुनर्वास के लिए 1000 करोड़ रुपए की विशेष सहायता की घोषणा की। साथ ही राज्य के लोगों के दर्द और व्यथा को साझा किया।
उन्होंने हालात का जायजा लेने के लिए राज्य का दौरा करने के बाद श्रीनगर में यह घोषणा की। राज्य के हालात ने भीषण रूप ले लिया है। वहां 130 से अधिक लोगों kee मौत हो गई है।
प्रधानमंत्री ने अन्य राज्यों से भी आह्वान किया कि वे जिस भी तरह से सहायता कर सकते हैं सहायता करें। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के क्षेत्रों में भी बाढ़ के कारण हुई तबाही पर दुख और व्यथा का इजहार करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर पाकिस्तान चाहता है तो भारत प्रभावित क्षेत्रों को मानवीय सहायता देने को तैयार है।
पीएमओ ने एक वक्तव्य में कहा, ‘‘दुख की इस घड़ी में प्रधानमंत्री ने कहा कि वह क्षेत्र के लोगों को हरसंभव सहायता की पेशकश करते हैं और अगर पाकिस्तान सरकार को आवश्यकता हो तो भारत सरकार उन क्षेत्रों को मानवीय सहायता देने को तैयार है।’’ वक्तव्य में कहा गया, ‘‘प्रधानमंत्री ने लोगों के दुख और व्यथा को साझा किया। वहीं, जम्मू और श्रीनगर में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने बाढ़ के कारण हुई क्षति के बारे में उन्हें जानकारी दी।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि 1100 करोड़ रुपए जो राज्य आपदा राहत कोष के जरिए राज्य सरकार को उपलब्ध कराए जा रहे हैं वो जिस तरह की आपदा है उसके मद्देनजर पर्याप्त साबित नहीं होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार बाढ़ राहत और पुनर्वास के लिए राज्य को 1000 करोड़ रुपए की अतिरिक्त विशेष परियोजना सहायता उपलब्ध कराएगी। हालात का उचित सर्वेक्षण किए जाने के बाद जरूरत पड़ने पर और सहायता प्रदान की जाएगी।’’ जम्मू कश्मीर में आई बाढ़ को राष्ट्रीय स्तर की आपदा बताते हुए मोदी ने कहा कि केंद्र संकट की इस घड़ी में राज्य सरकार और राज्य के लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है।
झेलम नदी कई स्थानों पर उफान पर है और नदी का तटबंध टूट जाने से आवासीय और वाणिज्यिक क्षेत्रों में बाढ़ का पानी घुस गया है। लोग अपने घरों में फंसे हुए हैं तथा वायुसेना के हेलीकाप्टरों को राहत अभियानों के लिए सेवा में लगाया गया है।
अधिकारियों ने कहा कि हवाई अड्डा रोड, एग्जीबिशन क्रॉसिंग, हरिसिंह हाई स्ट्रीट, लाल चौक और रीगल चौक इलाके में कई फुट पानी भरा हुआ है। एसएमएचएस और लल्ला डेड जैसे मुख्य अस्पतालों के लिए सड़क सम्पर्क सड़कांे पर पानी भरने के चलते कट गया है।
अधिकारियों ने बताया कि शहरों के निचले जलजमाव वाले क्षेत्रों से हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है लेकिन काफी संख्या में लोग अपने मकानों के उपरी मंजिलों में फंसे हुए हैं। संचार व्यवस्था बाधित हो गई है क्योंकि लगभग सभी निजी सेल्युलर नेटवर्क काम नहीं कर रहे हैं। लैंडलाइन टेलीफोन नेटवर्क भी बुरी तरह से बाधित है।
प्रभावित क्षेत्रों में बिजली और जलापूर्ति गत छह दिनों से बाधित है। कल रात से जम्मू में 22 लोगांे की मौत हुई है। इनमें जम्मू में पांच की मकान गिरने, उधपुर में छह, रियासी में पांच, राजौरी और पुंछ में दो.दो व्यक्तियों की मौत हुई है जिससे जम्मू क्षेत्र में मरने वालों की संख्या बढ़कर 127 हो गई है।
राजौरी में गत गुरूवार को बस के साथ जो 63 लोग बह गए थे उनमें से आज दो और शव मिल गए जिससे मिलने वाले शवों की संख्या बढ़कर 37 हो गई है। रक्षा प्रवक्ता कर्नल एस डी गोस्वामी ने कहा कि जम्मू कश्मीर में विभिन्न स्थानों पर सेना की ओर से तीन हजार लोगों को दवाइयां मुहैया करायी गई हैं, दो हजार लोगों को आश्रय तथा 3500 लोगों को भोजन मुहैया कराया गया है।
PM ने लिया हालात का जायजा, 1000 करोड़ रुपए की दी आर्थिक सहायता
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