ग्वालियर। पूरे परिवार से लड़कर जिस लड़की से लव मैरिज की उसके महज गहने मांगने पर पति ने गला घोंटकर हत्या कर दी। हत्या के बाद एक घंटे तक शव के पास बैठकर रोता रहा, फिर बोरे में शव को बंदकर नाले में फेंक दिया। गुरुवार शाम महाराजपुरा थाना पुलिस ने महिला के अंधे कत्ल का पर्दाफाश कर दिया है।

1 जनवरी को डीडी नगर के पास पहाड़ी पर बनी झोंपड़ी में हत्या की गई थी। पुलिस ने 12 जनवरी को शव बरामद किया था। दोनों के हाथ पर अंग्रेजी में जीएस लिखा था। इसी जीएस से पुलिस कत्ल की गुत्थी सुलझाने में कामयाब हुई। आरोपी पति को गिरफ्तार कर लिया है।

एएसपी वीरेन्द्र जैन, सीएसपी महाराजपुरा विनायक वर्मा ने बताया कि 12 जनवरी को भदरौली रेलवे स्टेशन के पास तालाब में बोरे में बंद एक महिला का शव मिला था। मृतका के शरीर पर सिर्फ एक ही वस्त्र था। जिससे साफ था कि महिला की हत्या करने के बाद पहचान छिपाने के लिए कपड़े उतारे गए हैं। पुलिस को अंधे कत्ल का पर्दाफाश करने के लिए सिर्फ महिला के हाथ पर अंग्रेजी में लिखा जीएस शब्द ही था।

तभी पुलिस को 5 जनवरी को एक महिला की गुमशुदगी याद आई। महिला के पति का नाम संतोष प्रजापति था। गुमशुदगी लिखाते समय संतोष ने पत्नी का कोई भी फोटो नहीं होना बताया था। जब बॉडी की शिनाख्त के लिए उसे बुलाया तो उसने शव को अपनी पत्नी होने से इनकार कर दिया। पर यहीं महाराजपुरा थाना प्रभारी दीपक यादव की नजर संतोष के हाथ पर लिखे जीएस पर पड़ गई।

संतोष के हाथ पर ही उसी अंदाज में लिखे जीएस ने पुलिस की गुत्थी सुलझा दी। संदेह होने पर गुरुवार सुबह टीआई श्री यादव ने एसआई पृथ्वीपाल परमार, एएसआई मनोज शर्मा, आरक्षक हरवीर, लोकेन्द्र की टीम बनाई। इन्होंने संतोष को पकड़ा और जब उससे पूछताछ की गई तो उसने शव की शिनाख्त अपनी पत्नी गिरिजा (22) के रूप में करते हुए हत्या करना कबूल कर लिया।

उसने बताया कि 3 साल पहले लव मैरिज की थी। उसकी माली हालत खराब थी और पत्नी लगातर गहने दिलाने की जिद कर रही थी। 1 जनवरी को दोनों में झगड़ा हुआ और उसने साफी से उसका गला घोंट दिया। इसके बाद पहचान छिपाने के लिए कपड़े उतार दिए और शव को बोरे में बंद कर दिया। इसके बाद स्कूटर पर बोरा रखकर भदरौली गांव के पास तालाब में फेंक आया।

परिवार से लड़ झगड़कर की थी शादी

संतोष प्रजापति कुम्हारपुरा थाटीपुर का रहने वाला है, जबकि गिरिजा तारागंज की रहने वाली है। दोनों के परिवार दूर के रिश्ते में हैं। गिरिजा और संतोष 5 साल पहले एक कार्यक्रम में मिले थे। तभी से दोनों एक दूसरे को चाहने लगे। पर दोनों परिवार को यह रिश्ता मंजूर नहीं था। 3 साल पहले दोनों ने परिवार से लड़ झगड़कर शादी कर ली। परिजन ने इनको घर से निकाल दिया। यह दोनों डीडी नगर के पास एक पहाड़ी पर रहने लगे। संतोष मजदूरी करता था। दोनों का एक 6 माह का बच्चा भी है।

बीमारी में लग गई जमा पूंजी

संतोष ने हत्या कबूल करने के बाद पुलिस को यह भी बताया कि वह गिरिजा को बहुत चाहता था। शादी से पहले दोनों ने गिरिजा का 'जी' और संतोष का 'एस' अपने-अपने हाथ पर गुदवाया था। पर शादी के बाद पत्नी को टीबी (ट्यूबर क्यूलेसिस) हो गई। उसके इलाज में पति का एक लाख रुपए जुड़ा हुआ पैसा खर्च हो गया। ठीक होने के बाद पत्नी लगातार उससे जेवर दिलाने की मांग कर रही थी। उसके पास पैसे नहीं थे। इसी बात को लेकर झगड़ा होता था।