जिल्टेन के अस्पताल के प्रवक्ता मुअम्मर कादी ने बताया कि उनके अस्पताल में कम से कम 40 शव लाये गए हैं और 70 घायलों का इलाज चल रहा है। उन्होंने कहा कि हमें हताहतों की कुल संख्या के बारे में सटीक जानकारी नहीं है। अन्य हताहत मिसराटा और त्रिपोली के अस्पताल में ले जाये गए हैं। जिल्टेन से करीब 50 किलोमीटर दूर मिसराटा के एक अस्पताल ने बताया कि उसके यहां कम से कम चार शव लाए गए और वह करीब 50 घायलों का इलाज कर रहा है। जिल्टेन त्रिपोली के पूर्व में 170 किलोमीटर की दूरी पर है।

लीबिया में संयुक्त राष्ट्र के दूत मार्टिन कोबलर ने ट्वीट किया, ‘मैं जिल्टेन में आज हुए घातक आत्मघाती हमले की कड़ी निंदा करता हूं और लीबियावासियों से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकजुट होने का आह्वान करता हूं।’ लंबे समय तक सत्ता में रहे तानाशाह मुअम्मर कज्जाफी के वर्ष 2011 में अपदस्थ होने के बाद से लीबिया अराजकता के गिरफ्त में है। देश में इस्लामिक स्टेट का प्रभाव बढ़ता जा रहा है।

इस्लाम समर्थित मिलिशिया गठबंधन द्वारा त्रिपोली पर कब्जा कर लिए जाने के बाद से लीबिया में अगस्त 2014 से ही प्रतिद्वंद्वी गुट का शासन हैं। उस समय सरकार को देश के पूर्व भाग में शरण लेनी पड़ी थी। संयुक्त राष्ट्र दोनों पक्षों पर सत्ता साझेदारी समझौते को स्वीकार करने के लिए दबाव बना रहा है जिस पर दोनों पक्ष दिसंबर में सहमत हुए थे।

सत्रह दिसंबर को संयुक्त राष्ट्र के मार्गदर्शन में दोनों पक्षों के सांसदों और कई स्वतंत्र राजनीतिक हस्तियों ने एकता सरकार के लिए एक करार पर हस्ताक्षर किए थे लेकिन यह करार अबतक लागू नहीं हो पाया है। करार अबतक लीबिया की दो प्रतिद्वंद्वी संसदों का सर्वसम्मत समर्थन हासिल नहीं कर पाया है। एक संसद पूर्वी शहर ताबरूक में है जबकि दूसरी त्रिपोली में है।

आज के हमले के बाद यूरोपीय संघ की विदेश नीति प्रमुख फेडरिका मोघरिनी ने कहा, ‘एक बार फिर लीबिया वासी हमले में हताहत हुए लोगों पर शोक मना रहे हैं। लीबिया के लोग शांति और सुरक्षा के हकदार हैं और उनके पास इस विभाजन को रोकने और देश के समक्ष मौजूद आतंकवाद के खतरे के खिलाफ मिलकर काम करने का मौका है।’